राउर पाती

October 1, 2020
राउर पाती
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भोजपुरी जंक्शन- “जइसन नाम ओइसन काम।”

“हम भोजपुरिआ” के सफर से चलल आ वर्तमान में “भोजपुरी जंक्शन” के नाम से प्रकाशित सब  अंक पढ़नी। पढ़ के इहे बुझाइल कि ई अपने आप में एगो विशेष पत्रिका बा।

जइसे कवनो जंक्शन से बहुते ट्रेन अलग-अलग गंतव्य खातिर खुलेला, ओही तरह से ई “भोजपुरी जंक्शन” पाठक सबके ओकरा उद्देश्य के जंक्शन माने लक्ष्य तक पहुँचावे के काम कर रहल बा। पत्रिका में छपल श्री आर.के.सिन्हा साहेब के आलेख- का चीन-पाक से एक साथे जूझी भारत!, बहुत उम्दा आ सारगर्भित बा।

भोजपुरी जगत के साहित्यकार, कलमकार आ भोजपुरी के सवाँरे-सजावे में अपना के समर्पित करे वाला दिवंगत वंदनीय जन के सम्मान में आ भोजपुरी के प्रति अउर अधिक रुझान पैदा करे खातिर ओह सभन के जीवन पर प्रकाश डाल के ई पत्रिका आपन बहुमूल्य योगदान दे रहल बा। साथही भोजपुरी सिनेमा जगत के लमहर-लमहर, नामचीन कलाकार जे अभी दुनिया में नइखे ओकरा के पाठकगण के सामने लाके भोजपुरी सिनेमा जगत के अउर अधिक जीवन्त बनावे के ठान लेले बा आ ओकरा खातिर अपना के पूरा समर्पित क देले बा।

“सुशांत के मौत मिस्ट्री” आ “महेंद्र सिंह धोनी, किंवदंती आ विरासत” बहुत अच्छा लागल। श्री ओम प्रकाश अश्क जी के “मलिकाइन के पाती” पढ़ के मन प्रफुल्लित हो गइल।

पत्रिका पढ़ला पर इहे लागल कि पत्रिका अपना लक्ष्य के पूरा करे में कामयाब बा।

भोजपुरी जंक्शन के बहुत-बहुत बधाई।

अखिलेश्वर मिश्र, वरिष्ठ कवि आ रचनाकार, सेवानिवृत्त उपाचार्य, असेम्बली ऑफ गॉड चर्च स्कूल, बेतिया, बिहा

भोजपुरी जंक्शन बड़ा रूचल ह

भोजपुरी-जंक्शन के नया कलेवर बड़ा रूचल ह। एमे भोजपुरी के विकास यज्ञ में आपन आहुति देबे वाले सब आदरणीय के इयाद कइल गइल बा। एतने से उहाँ सभे के आत्मा तृप्त हो गइल होई। भोजपुरी भाषा के प्रचार, प्रसार आ विस्तार खातिर मनोज भावुक जी जवन प्रयास करSतानी ऊ सराहनीय बा। भोजपुरी फिल्म में अभिनेता अभिनेत्री टेक्निशियन सभे के योगदान रहेला। टार्च के सब ओर फोकस करेके बा। भगवान सिन्हा जी, नूरफातिमा जी, काशीनाथ पाण्डेय जी, विशुद्धानन्द जी आदि लोके इयाद करेके बा। एगो आऊर सुझाव बा कि कुछ लोक कलाकार जइसे रसुल मियां (चमकताजगमगाता है, अनोखे राम का चेहरा), स्व.गणेश सिंह जी(वंशी छपरा, रसुलपुर, सारण), दरबारी गिरि जी, कैलाश गौतम जी अइसन आदरणीय लोके भी आवे वाला अंक में शामिल करे के प्रयास होखे के चाहीं। हमनी के भोजपुरी भाषा शब्दन के अपार भंडार बा। हर विधा आ हर क्षेत्र में नज़र धउरावे के बा कि केहू छूटे ना। ई भाषा के सवाद बढ़ावे में स्व.मोहम्मद रफी जी, स्व.मन्ना डे जी, लता जी, आशा मंगेशकर जी, सुरेश वाडेकर जी के योगदान के भी इयाद करे के बा। भोजपुरी जंक्शन के उज्जवल भविष्य खातिर हम ह्रदय से शुभकामना दे तानी। जय भोजपुरी।  जय भोजपुरी-जंक्शन

डॉ.सुनील कुमार उपाध्याय, प्राचार्य, एल.पी.शाही कालेज, पटना (पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय पटना)

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