दिवंगत भोजपुरी सेवी ( भाग – 11 )

November 15, 2021
आलेख
, , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , ,
0

डॉ. ब्रजभूषण मिश्र

” भोजपुरी साहित्य के गौरव ” स्तम्भ में दिवंगत साहित्य सेवियन के संक्षिप्त परिचय के सिलसिला पीछला कई अंकन से जारी बा। अब तक निम्नलिखित 93 गो दिवंगत साहित्यकारन के संक्षिप्त परिचय रउरा पढ़ चुकल बानी। ओह 93 गो साहित्यकार लोगन के लिस्ट पढ़ीं आ फेर आगे बढ़ीं। – संपादक

अंक 11 में –    

1- महापंडित राहुल सांकृत्यायन

2- दूधनाथ उपाध्याय

3- महिन्दर मिसिर

4- रघुवीर नारायण

5- भिखारी ठाकुर

6- मनोरंजन प्रसाद सिंहभाग

7- महेन्द्र शास्त्री

8- दुर्गा शंकर प्रसाद सिंह ‘ नाथ ‘

9- राम विचार पांडेय

10- डॉ. उदय नारायण तिवारी

11- धरीक्षण मिश्र

अंक 12 में

12-  प्रसिद्ध नारायण सिंह

13- रघुवंश नारायण सिंह

14- राम बचन द्विवेदी ‘ अरविंद ‘

15- डॉ. कमला प्रसाद मिश्र ‘ विप्र ‘

16 -शास्त्री सर्वेन्द्रपति त्रिपाठी

17- हवलदार त्रिपाठी ‘ सहृदय’

18- डॉ. कृष्ण देव उपाध्याय

19- विश्वनाथ प्रसाद ‘ शैदा’

20- पांडेय नर्मदेश्वर सहाय

21- कुलदीप नारायण राय ‘ झड़प’

22- पं. गणेश चौबे

अंक 13 में

23 – डॉ.स्वामी नाथ सिंह

24- राघव शरण मिश्र ‘ मुँहदूबर ‘

25- जगदीश ओझा ‘ सुन्दर ‘

26- रामनाथ पाठक ‘ प्रणयी ‘

27- मोती बी ए

28- महेश्वराचार्य

29- ईश्वर चंद्र सिन्हा

30- रामनाथ पांडेय

31- राधा मोहन राधेश

32- हरेन्द्रदेव नारायण

33- मास्टर अजीज

अंक 14 में

34- पांडेय जगन्नाथ प्रसाद सिंह

35- बिसराम

36- भुवनेश्वर प्र. श्रीवास्तव ‘ भानु’

37- बलदेव प्रसाद श्रीवास्तव ‘ ढीबरी लाल’

38- रुद्र काशिकेय / गुरु बनारसी

39- श्याम बिहारी तिवारी ‘ देहाती ‘

40- रामदेव द्विवेदी ‘अलमस्त ‘

41- राहगीर

42- दूधनाथ शर्मा  ‘ श्याम ‘

43-  दंडी स्वामी विमलानंद ‘ सरस्वती ‘

44- राम बचन लाल श्रीवास्तव

अंक 15 में – ( भोजपुरी जंक्शन – अंक 1 )

45- कुंज बिहारी  ‘ कुंजन ‘

46- प्रभुनाथ मिश्र

47- रामजियावन दास ‘ बावला ‘

48- सिपाही सिंह ‘ श्रीमंत ‘

49- डॉ. विवेकी  राय

50- भोला नाथ गहमरी

51- अविनाश चंद्र ‘ विद्यार्थी ’

52- प्रो. सतीश्वर सहाय वर्मा  ‘ सतीश ‘

53- डॉ. बसंत कुमार

54- अर्जुन सिंह ‘अशांत ‘

55- अनिरुद्ध

अंक 21 में – ( भोजपुरी जंक्शन अंक 7 )

56- सन्त कुमार वर्मा

57- रमाकांत द्विवेदी ‘रमता

58- डॉ. मुक्तेश्वर तिवारी ‘ बेसुध ‘ उर्फ चतुरी चाचा

59-  पद्मश्री रामेश्वर सिंह ‘काश्यप’ उर्फ लोहा सिंह

60- प्राचार्य विश्वनाथ सिंह

61- पद्मभूषण विद्यानिवास मिश्र

62- डॉ. जितराम पाठक

अंक 22 में – ( भोजपुरी जंक्शन अंक 8 )

63- रमेश चंद्र झा

64- गौरीशंकर मिश्र ‘ मुक्त ‘

65- प्राध्यापक अचल

66- पं. नर्मदेश्वर चतुर्वेदी

67- शारदानंद प्रसाद :

68- उमाकांत वर्मा

69- अक्षयवर दीक्षित

70- पांडेय कपिल

अंक 31 में ( भोजपुरी जंक्शन अंक 17 )

71- रामजी सिंह ‘ मुखिया ‘

72- विन्ध्याचल प्रसाद श्रीवास्तव

73- डॉ. अनिल कुमार राय ‘ आंजनेय ‘

74- डॉ. धीरेन्द्र बहादुर ‘ चाँद ‘

75- डॉ. विश्वरंजन

76- नरेन्द्र रस्तोगी ‘ मशरक ‘

77- नरेन्द्र शास्त्री

अंक 32 में ( भोजपुरी जंक्शन अंक 18 )

78- डॉ. रसिक बिहारी ओझा ‘ निर्भीक ‘

79- परमेश्वर दूबे शाहाबादी

80- राधा मोहन चौबे ‘ अंजन ‘

81- गणेश दत्त ‘ किरण ‘

82- डॉ. प्रभुनाथ सिंह

83- गिरिजा शंकर राय  ‘ गिरिजेश ‘

84- चंद्रशेखर मिश्र

85- पशुपति नाथ सिंह

अंक 40 में ( भोजपुरी जंक्शन अंक  )

86- रामजी पांडेय अकेला
87- कैलाश गौतम

88- कुबेरनाथ मिश्र ‘ विचित्र ‘

89- प्रो. ब्रजकिशोर

90- जगन्नाथ

91- हरि शंकर वर्मा

92- डॉ० बच्चन पाठक सलिल
93- जमादार भाई

 

अब आगे पढ़ीं —

 94- बालेश्वर राम यादव

बालेश्वर राम यादव के जनम उ. प्र. के बलिया जिला के जगदेवाँ गाँव में 05 दिसम्बर, 1937 ई. के भइल रहे आ निधन 17 सितम्बर,1917 ई. के रायरंगपुर, उड़िसा में हो गइल। इहाँ के पिताजी के नाम शिव बालक यादव आ माता के नाम तेतरी देवी रहे। परिवार गोपालक रहे आ उहे विरासत में बालेश्वर जी का मिलल रहे। मगर रुचि पढ़ाई में रहे। बालेश्वर राम जी के पिता जमशेदपुर में खटाल चलावत रहीं आ दूध के कारोबार करत रहीं। मैट्रिक पास कइला के बाद आगे के पढ़ाई खातिर बालेश्वर राम जी जमशेदपुर चल अइनी। जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज से बी. ए. कइनी आ रॉची विश्वविद्यालय, रॉची से हिंदी में एम. ए. कइलीं। उहाँ का बी. एड. भी कइलीं। काव्यलोक, जमशेदपुर नाम के संस्था उहाँ के मानद ‘ विद्यालंकार’ के उपाधि देले रहे। पढ़ाई-लिखाई के बाद जमशेदपुर के अंगरेजी इसकूलन में हिन्दी शिक्षक रूप में कार्य कइनी। राउर विवाह उड़िसा के रायरंगपुर के आस पास रामदुलारी जी से भइल। ओकरा बाद सरकार का रायरंगपुर के ब्वायज हाई इसकूल में हिंदी शिक्षक के रूप में नियुक्ति मिल गइल, जहाँ से 1995 ई. में सेवा निवृत्त भइनी। जहाँ तक साहित्यिक रुचि के सवाल बा, ऊ हाई इसकूल में पढ़त खानी रामचरित मानस पढ़ला आ गाँव में दस बेर ओकर पाठ करके सुनवला से जागल। अपने के आवाज़ अतना सुरीला रहे कि लोग मोहा जात रहे। जमशेदपुर भोजपुरी साहित्य परिषद के असथापना आ गठन के पाछे राउर एही सुकंठ गायकी के कमाल रहे। को-ऑपरेटिव कॉलेज के कैम्पस में 1955 ई. में डॉ. बच्चन पाठक सलिल सहित अउर संहतिया लोग के बीचे बालेश्वरराम जी के आवाज़ गूँजत रहे – ‘मोरे पिछुअरवा सिरिसिया के गछिया, झहर-झहर करे पात कि निंदियो ना आवे हो राम ‘। ई आवाज़ कॉलेज के भोजपुरिया अध्यापक डॉ. सत्यदेव ओझा आ मेजर चंद्रभूषण सिन्हा के कान में पड़ल आ भोजपुरी साहित्य परिषद के असथापना भइल, जवना के महासचिव डॉ सलिल बनावल गइलीं आ बालेश्वर राम जी सचिव। भोजपुरी हिंदी में लिखल पढ़ल जारी रहल। भोजपुरी में तीन गो किताब छपल  —  ‘ भोजपुर के रतन ‘ ( गीत संग्रह, 1957 ई.),       ‘गाँव के माटी ‘ ( उपन्यास , 1973 ई. ) आ ‘ कृष्ण चरित पीयूष ‘ ( महाकाव्य , 2011ई. )।  पत्नी रामदुलारी यादव के अनुरोध पर ‘महाभागवत पुराण ‘ के कथा के भोजपुरी भाषा मे दोहा – चौपाई – सोरठा में छंदबद्ध करत ‘ कृष्णचरित पीयूष ‘ महाकाव्य रचाइल। हिंदी में  ‘ मेरी लाली ‘ (1997 ई. ) आध्यात्मिक गीत संग्रह बा। दू गो हिंदी पत्रिका- ‘ पुष्पांजलि ‘ आ ‘ तरंग ‘ रायरंगपुर से संपादित करत रहलीं। जमशेदपुर भोजपुरी साहित्य परिषद आ ललित कला मंच ( रायरंगपुर ) से सम्बद्ध रहलीं। भोजपुरी समाज, बिष्टुपुर, जमशेदपुर; जमशेदपुर भोजपुरी साहित्य परिषद ; गुरुमंच, विद्यालय परिवार, रायरंगपुर आ ललित कला मंच, रायरंगपुर अपने के सम्मानित कइलस।

 

READ MORE: https://humbhojpuria.com/e-patrika/16-31-october-2/

 

 

Hey, like this? Why not share it with a buddy?

Related Posts

Leave a Comment

Laest News

@2022 – All Right Reserved. Designed and Developed by Bhojpuri Junction