लेखक: रवीन्द्र किशोर सिन्हा
मन भलहीं नइखे करत कहे के बाकिर कहहीं के पड़ी कि भारत बड़ा तेजी से बदल रहल बा। अब अपना देश में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारा लगावे वालन के तादाद कम नइखे रह गइल, बलुक बढ़ल बा। अबहीं कुछ दिन पहिलहीं बेंगलुरु में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारा लगावे वाली 19 साल के अमूल्या नाव के लइकी के समर्थन में बहुते लोग जे अपना के प्रगतिशील कहे ला, उ लोग सामने आइल। ई तर्क देवे लागल लोग कि ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ कहे में खराबी का बा? का अमूल्या पाकिस्तान जिंदाबाद के बदले पेरू जिंदाबाद कहले रहती त केहू के कवनो एतराज होइत? अब एह अमूल्या के समर्थन में खाड़ होखे वाला लोग से ई पूछल जाव कि का अजमल कसाब के मुंबई में खून-खराबा करे खातिर पेरू भेजले रहे? का उ लोग ई भुला गइल बा कि मुंबई में कसाब अउर ओकर साथी कवना दरिंदगी से सैकड़न मासूम हिंदुस्तानियन के मौत के घात उतार दिहले रहले स? अगर एहू से उनकर मन ना भरत होखे त ओह लोग के कारगिल ईयाद करे के चाहीं कि पाकिस्तान ओहिजा का कइले रहे। कारगिल में आपन सैनिक भेजे के बहाने पाकिस्तान के योजना रहे कि कारगिल के कुछ चोटियन पऽ उ कब्जा कऽ लेव आ फेरू श्रीनगर-लेह राजमार्ग बंद कऽ देव। एह सड़क के बंद कइल पाकिस्तान के खास रणनीति में शामिल रहे काहे कि इहे एगो रास्ता रहे जवना से भारत कश्मीर में तैनात अपना जवानन के सैन्य हथियार अउर राशन भेजत रहे। पाकिस्तान ई मान के चलत रहे कि हालात बिगड़ी अउर भारत कश्मीर विवाद प बातचीत खातिर मजबूर हो जाई। खैर,ओह चोटियन से पाकिस्तानी सैनिकन के मार गिरावे में भारतीय सेना कवनो अधिका समय ना लिहलस बाकिर ओह सैन्य कार्रवाई में लगभग 500 भारतीय वीर जवान शहीद हो गइलें। इहे ना, पाकिस्तान भारत पऽ 1948,1965, अउर 1971 में पहिले हमला करे के दुस्साहस कइले रहे। एकरा बाद युद्ध भइल अउर पाकिस्तान के ढेर नुकसान उठावे के पड़ल।
जवना ढंग से पाकिस्तान जिंदाबाद के नारा लगावे वाला हमनी इहां पैदा हो रहल बाड़ें, ओह लोग के कंधार विमान अपहरण कांडो ईयाद करे के चाहीं। कंधार विमान अपहरण एगो अइसन घटना रहे, जवन भारत सरकार के आतंकियन के मांग माने प मजबूर कऽ दिहले रहे। उ घटना रहे इंडियन एयरलाइंस के विमान आईसी-814 के अपहरण के। तब भारत सरकार अपना यात्रियन से भरल विमान के सकुशल मुक्त करावे खातिर तीन गो कुख्यात पाकिस्तानी आतंकियन के रिहा कइले रहे।
शुरू-शुरू में अपहरण करे वाला भारतीय जेल में बंद 35 गो उग्रवादियन के रिहाई अउर 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर नगद देवे के मांग रखले रहले स। बाकिर अंत में भारत सरकार के मौलाना मसूद अजहर अउर ओकरा दू गो साथियन के रिहा करे के पड़ल रहे। इहो ईयाद रखीं कि मसूद अजहर साल 2000 में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के गठन कइले रहलस। जवन 2001 में भारतीय संसद पऽ भइल हमला के भूमिका तइयार कइले रहे। अजहर मसूद रिहाई के बादे से पाकिस्तान के कब्जा वाला कश्मीर में उग्रवादियन के प्रशिक्षण देवे में लाग गइल रहे। का पाकिस्तान के चाहे वाला लोग के ई मालूम नइखे कि मसूद अजहर पाकिस्ताने में रहेला? ओकरा पाकिस्तान सरकार के भरपूर समर्थन आ आशीर्वाद मिलल बा। एह सब पऽ नजर दउड़वला के बाद का कवनो भारतीय नागरिक के पाकिस्तान जिंदाबाद के नारा लगावे के चाहीं?
जे अबहीं अमूल्या के समर्थन में खड़ा हो रहल बा लोग, ऊ एगो दौर में हुर्रियत के नेता सब के नई दिल्ली में पाकिस्तान के हाई कमिश्नर से मुलाकातो के सामान्य घटना बतवले रहले।
खैर, नीमन बात ई बा कि अमूल्या के हिरासत में भेज दिहल गइल बा। ओकरा खिलाफ देशद्रोह के मामला दर्ज भइल बा। एह बात प गौर करे के चाहीं कि जवना ढंग से अमूल्या के समर्थन में लिजलिजा अउर कमजोर तर्क दिहल जा रहल बा, एकदम ओइसने तर्क तब दिहल गइल, जब हालहीं में असम के भारत से अलग करे के आह्वान करे वाला जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र शरजील इमाम पऽ देशद्रोह के मामला दर्ज भइल रहे। एकर मतलब देश के भीतर कई गो आस्तीन के सांप फूंफकार मारे के तइयार बइठल बाड़ें। एह सब के तुरंत पहचान करे के पड़ी। शरजील इमाम खुद के शाहीन बाग में चल रहल विरोध प्रदर्शन के आयोजक बतावत रहे। शरजील कहत रहे कि ‘अगर हमनी के असम के लोग के मदद करे के बा त ओकरा के भारत से काटे के पड़ी।’
अपना के प्रगतिशील कहे वाला अउर पुरस्कार वापसी गैंग के नेता अब कम से कम ई तऽ ना कहिहें कि देश में अभिव्यक्ति के आजादी नइखे। उ लोग अमूल्या आ शरजील इमाम के सुन चुकल बाड़ें। इमाम त खुल्लम-खुल्ला कहत रहे -‘असम में मुसलमानन के जवन हाल बा, उ सब रउरा सभन के मालूम बा। सीएए (नागरिकता संशोधन कानून) ओहिजा लागू हो गइल बा। डिटेंशन कैंप में लोग के भेजल जा रहल बा। ओहिजा कत्ल-ए-आम हो रहल बा। छह-आठ महीना में पता चली कि सब बंगालियन के मार दिहल गइल, चाहे उ हिंदू होखस चाहे मुसलमान।’ उ मुसलमानन के भड़कावत रहे। पूर्वोत्तर के भारत से जोड़े वाला पातर भू-भाग, जवना के चिकन्स-नेक कहल जाला, शरजील ओकरे जिक्र करत कहत रहे- ओहिजा मुसलमान अधिका संख्या में बाड़ें आउर ई सब अइसन कऽ सकत बाड़ें। विश्वास मानी कि अब अमूल्या चाहे इमाम जइसन देश के दुश्मन सब के हरकत के खतम करे के पड़ी। अब अउर देर देशहित में ना होई।
(लेखक राज्यसभा सदस्य आ हिन्दुस्थान न्यूज एजेंसी के अध्यक्ष हईं।)