कोरोना काल में रामायण क्रांति

April 4, 2020
संपादकीय
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संपादक – मनोज भावुक

टेलीविजन प टीकर चलsता कि लॉकडाउन में संयम सिखावे अइले श्रीराम। लक्ष्मण रेखा में रहे के मर्यादा सिखइहें श्रीराम।

दरअसल कोरोना महामारी के खिलाफ पूरा देश में  25 मार्च से 21 दिन के जवन लॉकडाउन भइल बा, ओह में 28 मार्च से दूरदर्शन पर सुबह-शाम रामानंद सागर कृत रामायण के प्रसारण शुरू भइल बा। तबे से कोरोना अउर राम के लेके बतकूचन चालू बा।

अइसहूं ई चइत के महीना हऽ। भगवान श्रीराम के जनम के महीना। अब राम से बड़ा नायक के बा ? जेतना राम पर लिखाइल बा, कहाइल बा, गवाइल बा आ मंचन भइल बा, सीरियल-सिनेमा बनल बा, ओतना कवना नायक पर काम भइल बा ?…आ बात खाली भइला के नइखे भावना के बा। जवना भावना से लोक में राम के स्वीकार कइल गइल बा, उ भाव दोसरा कवनो नायक के नइखे भेंटाइल। सांच कहीं त जीवन के हर भाव में राम बाड़े। राम हर काल में प्रासंगिक बाड़े। कोरोना काल में भी।

त मन भइल काहे ना ई अंक मर्यादा पुरुषोत्तम राम पऽ केंद्रित कइल जाय। लोक में राम, भोजपुरी साहित्य में राम, भोजपुरी कविता में राम, सिनेमा में राम, लोकगीतन में राम, हमनी के जीवन में राम, जीवन शैली में राम, अयोध्या में राम अउर हमनी के धड़कन में राम। हमनी के रोंआ-रोंआ में राम बाड़े, इहे एह अंक के सुर बा। राम के एही तरे के मौजूदगी कोरोना होखे चाहे दोसर कवनो आफत ओकरा से उबरे खातिर धैर्य, सबल अउर सकारात्मक सोच के दिशा सुनिश्चित करेला।

हमनी के लोकगीतन में राम जनम से लेके मृत्यु तक बाड़े। सोहर से लेके ‘ राम नाम सत्य है’ तक। हमनी के हर संस्कार में राम बाड़े। व्यवहार में राम बाड़े। गणना-गणित में राम बाड़े। भोजन-भजन में राम बाड़े। एह से राम पर बहुत सारा किताब भोजपुरी में लिखाइल बा। राम काव्य परंपरा में मानस ( डॉ0 कमला प्रसाद मिश्र विप्र), जटायु ( सुशांत शर्मा), सिरिमद करुनाकर रामायन ( व्रतराज दुबे विकल), प्रेमायन ( अनिरुद्ध त्रिपाठी अशेष ), सेवकायन, कौशिकायन ( अविनाश चंद्र विद्यार्थी), सीता स्वयंवर ( रामवृक्ष राय विधुर), मंथरा चरित ( पंडित राम सुभग मिश्र रासु), केने बाड़ी सीता ( हीरालाल हीरा), उठल सुख सोहर हो ( रामानंद तिवारी), तुलसी रसायन ( मोती बी. ए.) …अइसन दर्जनों किताब त हमहीं देखले-पढ़ले बानी। अउरो बहुत कुछ होई आ बहुत कुछ एह अंक में बा जवना खातिर ई अंक जोगा के राखल जाई।

सांच पूछीं त राम रसायन आजो सब समस्या के समाधान बतावे में सक्षम बा। रामलीला आ रामचरित मानस आजो सबसे आसानी से समझ में आवे वाला दर्शन शास्त्र बा। सिनेमा – सीरियल खातिर सबसे इंटरेस्टिंग एक्शन बा, ड्रामा बा, इमोशन बा। मानी भा मत मानी राम के बिना राउर काम नइखे चले वाला।

आईं एक बेर फेर कोरोना महामारी से सम्पूर्ण विश्व आ मानवता के मुक्त करावे खातिर राम के नाव लीहल जाव। जय श्रीराम!

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