सावधान, ड्रैगन दगाबाज !

संपादक : मनोज भावुक चाहे करगिल होखे भा कोरोना भोजपुरी समाज हमेशा ललकारत रहल बा। एह से केहू एह भरम में मत रहो कि भोजपुरी खाली एगो मीठ भाषा ह। अरे मीठ ओकरा खातिर ह जे विनम्रता से, सभ्यता से, प्रेम से मिले आ व्यवहार करे ना त ई अगिया बैताल भाषा ह। विरोध, प्रतिरोध […]