छिपल साहित्यकारन के खोज
ई सुखद बा कि ‘हम भोजपुरिआ’ ढेर छिपल साहित्यकारन के सामने ले आ रहल बिया। एकरा से उत्साहित होके अउर नया रचनाकार भोजपुरी का सेवा में लगिहें। बधाई।
राम रक्षा मिश्र विमल, नॉर्थ 24 परगना, बंगाल
बहुत दमदार अंक बा
बहुत दमदार बा इहो विशेषांक। भोजपुरी साहित्य के गौरव वाला स्तंभ के समहुत बहुते असरदार बा। राहुल जी वाला आलेख बेजोड़ बा। प्रभुनाथ जी पर रउआ बहुत मन से लिखले बानीं। अंक के हर पन्ना पर राउर संपादकीय कौशल साफ-साफ झलकत बा। जगन्नाथ जी वाला आलेखो के रउआ बढ़िया ढंग से सजवले बानीं। भोजपुरी पत्रिका निकाले वाला संपादक लोग के सबक लेबे के चाहीं। बहुत बहुत बधाई!
भगवती प्रसाद द्विवेदी, पटना
” लॉकडाउन में माई ” कमाल के लेख बा
अत्यंत सुन्दर लेखन। भाव के एकरा से सुन्दर प्रक्षेपण अउर का होई। माई त सभे के होखेले आ एके अइसन ओकर अपना संतान जवन ओकर आपन ही विस्तार (extension) हउए, से जुड़ाव होखेला लेकिन ओकर संतान त नाल कटला के बाद अलग हो जाला। ऊ एह माई से कतना जुड़ल बा, इहे माई के सौभाग्य या दुर्भाग्य होखेला।
जे माई के समझ लेवे ओकर जीवन त धन्य बड़ले बा, ऊ समाज खातिर भी रत्न बन जाला।
बड़ सुख देनी हमरा के रउआ। हम त ओह अभागा मे से हईं कि तीन दिन लगातार बइठ के दुर्गा से अपना माई के मृत्यु प्रदान करे के प्रार्थना कइनी तब हमार कठजीव माई मूवल रहे। ओकरा सीवियर ब्रेन हैमरेज भइल रहे आ कौमा मे चल गइल रहे।
नवल किशोर ओझा, झरिया, धनबाद
इंद्रधनुष खानी बा ई पत्रिका
पत्रिका के जतना बड़ाई कइल जाव, ऊ कमे होई। इंद्रधनुष खानी भोजपुरी के सब रंग अपना में समेटले बा। बहुत नीमन बा कवर पेज। अंदर के सब सामग्री पठनीय आ संग्रहणीय बा। रउआ अइसन कर्मठ भोजपुरी के सेवा करे वाला के नमन बा। हमरा तरफ से सब राहे शुभकामना बा। एकर लतर सभका छान्ही तक पसरे। जय भोजपुरी।
डॉ सुनील कुमार उपाध्याय, पटना
इतिहास रच देले बानी
कोरोना कवितावली निकाल के त रउरा इतिहास रच देले बानी। तीन गो अंक कोरोना पर केन्दित अउर ओह में कोरोना कवितावली स्तंभ के अंतर्गत 50 से बेसी कोरोना पर श्रेष्ठ कविता, गीत, गजल, हाइकु आ लोकगीत। हम भोजपुरिआ त समय आ परिस्थिति से आँख मिला के चले वाली पत्रिका बन गइल बिया। बधाई लीं संपादक जी।
नीतू नयन, जमशेदपुर
पत्रिका के सजवले बानी
कोरोना विशेषांक पढ़नी। बहुत बढ़िया ढंग से अपने के पत्रिका के सजवले बानी। हमरा आ हमरा इष्ट मित्र के बहुत नीमन लागता ई पत्रिका। रउआ के हियरा से बहुत बहुत शुभकामना।
अखिलेश्वर मिश्रा, बेतिया, चंपारण