कइसे पाक एंबेसी बनल भारत के जासूसी के अड्डा

July 6, 2020
सुनीं सभे
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  आर.के. सिन्हा

इस्लामाबाद के भारतीय उच्चायोग के दू गो वरिष्ठ कर्मी के पाकिस्तान में जवना बेशर्मी से कुछ दिन पहिले प्रताड़ित कइल गइल, ओकरा बाद भारत सरकार के दिल्ली स्थित पाक उच्चायोग के कर्मचारियन के संख्या में 50 फीसदी कमी करे के आदेश सर्वथा उचित बा। अब इ एकदम साफ हो गइल बा कि इमरान सरकार भारत से आपन कवनो मसला के हल करे के प्रति रत्ती भर भी गंभीर नइखे। इमरान खान से पहिले वाली सब सरकार भी भारत के परोक्ष रूप से कमजोरे करे के चेष्टा करत रहल बाड़ी स। सीधे तौर पर भारत से दू-दू हाथ करे के हिम्मत ना जुटा पावे  वाला पाकिस्तान के मंशा बा कि भारत में अपना उच्चायोग में खुफिया एजेंसी आईएसआई के गुप्तचरन के भेजत रहो जे कि भारत के कवनो ना कवनो रूप से हानि पहुंचावे के रणनीति बनावत रहस आ देश के अन्दर छुपल पाक समर्थक गद्दारन के हर प्रकार के मदद पहुंचावत रहस।

भारत सरकार के इ सब बतिया मालूम बा। ई बात दूसर बा कि कवनो ना कवनो कारण से अब तक सरकार सख्त निर्णय लेवे से परहेज करत रहल बिया। अब जाके मोदी-शाह के जोड़ी सख्त रूख अपनवले बा। कहीं ना कहीं इहे कारण बा कि पाक उच्चायोग के कर्मियन के तादाद कम करे के आदेश दिहल गइल। दरअसल, पाक सेना अउर आईएसआई के कर्मी दिल्ली में राजनयिक के मुखौटा पहिन के अक्सर आ जाला लोग आ भारत में आके भारतीय सेना से सम्बंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज हासिल करे के फिराक में रहे ला लोग। कई बार एह काम में सफल भी हो जाला लोग। एकरा साथे इनकर एगो काम भारत में आतंकी संगठन के खाद-पानी आ मार्गदर्शन दिहल भी बा। इ बात केहू से छिपल नइखे कि पाकिस्तानी उच्चायोग में कश्मीरी अलगाववादियन के दामाद जइसन सम्मान मिलत रहे। लेकिन अब इ सब केंद्र में मोदी सरकार के अइला के बाद बंद हो गइल बा।

रउआ सभ के पाकिस्तानी जासूस निशांत अग्रवाल के नाम याद होई, जे पाक के ब्रह्मोस मिसाइल के जानकारी लीक करे के आरोप में पकड़ल गइल रहे। उ पाकिस्तानी उच्चायोग के कर्मियन से पैसा लेके कथित रूप से सूचना लीक करत रहे। कहे के जरुरत नइखे कि अबहूँ एह देश में जयचंद जइसन सैकड़ो आस्तीन के सांप बाड़न। पिछला महीना में ही दिल्ली पुलिस पाकिस्तान उच्चायोग के दू गो अफसरन के जासूसी करत रंगे हाथ पकड़ले रहे। इनकर नाम आबिद हुसैन आ ताहिर हुसैन रहे। भारत डिप्लोमेटिक इम्यूनिटी के चलते इ दूनो पर कवनो एक्शन ना लेके 24 घंटा के भीतर देश से चल जाय के कहले रहे। सरकार के पाकिस्तानी उच्चायोग के गतिविधि पर और पैनी नजर रखे के होई। साथे साथ देश में गद्दारी करे वालन के पकड़के सख्त सजा देवे के होखी। इ चंद सिक्का खातिर भारत माता के साथ धोखा करत रहेलन सं। ई अनादर बा, ओह हजारो हजार योद्धा लोग के, जे भारत खातिर अपना प्राण के आहुति दे देलस। देश के मांग बा कि पाकिस्तान के अहम जानकारी देवे वालन के मौत के सजा त होखहीं के चाहीं।

पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी खातिर जासूसी करे वाला निशांत अग्रवाल के मामला खासा गंभीर रहे। उ ब्राह्मोस मिसाइल के सीक्रेट्स आईएसआई के बेचत रहे। इ शख्स रक्षा मंत्रालय के तहत आवे वाला डीआरडीओ संस्थान में वैज्ञानिक रहे। देश के साथ धोखा करे वालन से पूछल जाये के चाहीं कि आखिर उ कवना लालच में आके देश के साथ धोखा करेलन?  अगर पीछे झाँक के देखल जाय त 2016 में पाकिस्तान उच्चायोग में काम करे वाला महूमद अख्तर के अवैध तरीका से संवेदनशील दस्तावेज हासिल करे के आरोप में पकड़ल गइल रहे। भारत सरकार ओकरो के वापस पाकिस्तान भेज देले रहे। मतलब पाकिस्तानी उच्चायोग भारत के जासूसी के अड्डा बन गइल बा। देखीं, विभिन्न राष्ट्र एक-दूसरे के देश में आपन उच्चायोग/ दूतावास एह से खोलेला ताकि दूनो देश के सम्बन्ध मजबूत बनावल जा सके। कुछ देश एकरो से आगे बढ़ के आपन सांस्कृतिक केंद्र आ लाइब्रेरी भी खोलले बाड़न। नई दिल्ली में अमरीका, इटली, ब्रिटेन, स्पेन, रूस आदि देश के कल्चरल सेंटर भी बा।

मे कला आ संस्कृति से सम्बंधित गोष्ठी, चर्चा आ अन्य कार्यक्रम होत रहेला। एही तरह अमरीका, ईरान, जापान आदि देश के दिल्ली में आपन स्कूल भी बा, जेमे एह देश के इहाँ रहे वाला नागरिक के बच्चा सब पढ़ेलsसन। अमरीकन स्कूल के शुरू भइला 70 साल हो गइल। पर पाकिस्तान उच्चायोग इ सब सार्थक आ रचनात्मक गतिविधि से अपना के दूर रखले बा। उहाँ से होला सिर्फ भारत के जासूसी। हमरा ईयाद नइखे आवत कि 1960 में बनल पाकिस्तान उच्चायोग के इमारत में कबो कवनो अच्छा कार्यक्रम भइल होखे।

भारत सरकार 1958 में राजधानी के चाणक्यपुरी क्षेत्र में विभिन्न देशन के आपन दूतावास आ उच्चायोग निर्माण खातिर प्लॉट आवंटित कइलस। पाकिस्तान के भी एह आशा के साथ एगो बेहतरीन जगह पर प्लॉट दिहल गइल रहे कि उ भारत से आपन सम्बन्ध मधुर बनाई, पर पाकिस्तान भारत के निराशे कइलस। उ ना त बाज आइल ना सुधरल। ओकरा गर्भनाल में भारत के खिलाफ नफरत भरल बा। उ नइखे चाहत कि भारत एगो विश्व शक्ति बने। इ अलग बात बा कि ओकरा नाहियों चाहला पर भारत संसार में सैन्य आ आर्थिक दृष्टि से एगो शक्ति बन गइल बा। पाकिस्तान के घटियापन के बाबजूद भारत पाकिस्तान के कहिओ नुकसान पहुँचावे के कवनो पहल नइखे कइले। ई हमनी के स्वभाव में बा। लेकिन, अब हमनी के उदारता के उ हमनी के कमजोरी बूझे लागल बा। एकरा के सही करे के होई।

पाकिस्तान भारत से 1948, 1965, 1971 आ कारगिल के जंग में हरला का बादो पंगा लेत रहल बा। उ साल 2008 मे मुम्बई में फ़िदाइन हमला करवइलस। अब उ हमनी के दू गो राजनयिक के साथ जवन कुछ कइलस ओसे ओकर मंशा साफ हो जात बा। पाक सरकार के छत्रछाया में मौलाना अजगर मसूद आ हाफ़िज़ सईद भारत के खिलाफ आपन स्तर पर आतंकी जंग लड़ रहल बाड़न। केकरा नइखे पता कि मौलाना अजहर आ उनकर संगठन जैश ए मोहम्मद के आईएसआई से खुलेआम मदद मिलेला?  जैश भारत के जानी दुश्मन रहल बा। जैश पंजाब में बचल-खुचल खालिस्तानी आतंकियन के फेर से खड़ा करे के कोशिश कर रहल बा। जैश ख़तरनाक संगठन ह। भारत के सुरक्षा एजेंसियन के देश के भीतर एकरा के पनाह देवे वाला लोग के ख़त्म करे के होई। पाकिस्तान में कठमुल्ला लोग खुलेआम भारत के विरोध करेला, पर मजाल बा पाक सरकार कुछ बोले। उ कइसे बोली? ओकरे ईशारा पर त ई सब तमाशा होता।  बाकिर भारत एकनी के तबाह करे में सक्षम बा आ अब देरी कइला के जरुरतो नइखे। जब पाप के घड़ा भर जाये त ओकरा के फोड़िये दिहल बाजिब राजधर्म ह।

 

(लेखक वरिष्ठ संपादक, स्तभकार आ पूर्व सांसद हईं।)

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