संपादक- मनोज भावुक
ओली के बोली सुन के इतिहास के पन्ना फड़फड़ाता। हिंदुस्तान त छोड़ीं नेपाले में हड़कंप मच गइल बा। लोग बाग़ अचरज में बा कि ओली के कहिया से राम बुझाये लगलें। कुछ लोग उनका मुँह के जाँच करावे के माँग करsता। कहीं उनका मुँह में चीन के जुबान त नइखे।
नेपाल आ भारत के बीच त पहिलहीं से तनाव चलsता। ओह में ओली के बोली करेजा प गोली चला देले बा। नेपाल भौगोलिक नक्शा में हेर-फेर करत-करत अब आध्यात्मिक नक्शा भी बदले लागल बा।
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के मानीं त भगवान राम के जन्म दक्षिणी नेपाल के थोरी में भइल रहे। मतलब अयोध्या नेपाल में बा आ भगवान राम नेपाली रहले।
कवि भानुभक्त के जन्मदिन ( 13 जुलाई) पर भइल समारोह में अपना सरकारी आवास पर ओली जी के ई आत्मज्ञान भइल आ उहाँ के एतना बड़ रहस्य के बात गते से कह देनी। बिहान भइला नेपाली विदेश मंत्रालय एह विवादित बयान पर लीपापोती करत कहलस कि प्रधानमंत्री ओली केहू के भावना के ठेस पहुँचावल ना चाहत रहले। बाकी अब त तीर जुबाँ से निकल गइल रहे… बवाल मचहीं के रहे।
नेपाले के पूर्व प्रधानमंत्री बाबू राम भट्टाराई ओली के बयान पर ताना मारलें- उ ट्वीट कइले, “आदि-कवि ओली द्वारा रचित कल युग की नई रामायण सुनिए, सीधे बैकुंठ धाम का यात्रा करिए.”
बुझाता, पीएम ओली भारत-नेपाल के रिश्ता अउरी बिगाड़ल चाहsतारे। राजनीति आ कूटनीति अपना जगह बा। आस्था आ भावना से खेलल ठीक नइखे। नेपाली लेखक आ पूर्व विदेश मंत्री रमेश नाथ पांडे ट्वीट क के सवाल कइले बाड़न, “अगर असली अयोध्या बीरगंज के पास है तो फिर सरयू नदी कहाँ है?” भारत में पत्रकार रोहित सरदाना ट्वीट कइले बाड़न कि ” फिर रावण श्रीलंका से नहीं चीन से आया था क्या ओली जी? वरिष्ठ पत्रकार आ पूर्व राज्य सभा सांसद आर के सिन्हा जी के ट्वीट बा ” अब इनको इतिहास कौन पढ़ा सकता है। फिर तो ये यह भी कहना शुरू करेंगे कि सीता मैया सीतामढ़ी में नहीं पैदा हुई थीं।” लोग बाग़ चुटकी लेता, ” का दो सरयू नदी चीन से निकलके नेपाल में बहत पाकिस्तान ले जाली ..”
बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहल इकबाल अंसारी बिखिआइल बाड़न। कहsतारे कि राम के सेवक हनुमान जी के गुस्सा आ गइल त नेपाल के पते ना लागी कि उ गइल कहाँ।
विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार स्पष्ट कइले बाड़न कि, ”श्रीराम जन्मभूमि के सम्बन्ध में धर्म-ग्रंथ, परम्परा, जनश्रुति आ इतिहास में एकमत से वर्णन बा कि वर्तमान अयोध्या ही भगवान श्रीराम के जन्मभूमि ह अउर एह सम्बन्ध में कही कवनो दोसर मत कबो व्यक्त ना कइल गइल। हर वर्ष श्रीराम के बारात अयोध्या से नेपाल के जनकपुरी में जाला। एह सम्बन्ध में भ्रम फइलावल संभवे नइखे।”
अंत में हम अतने कहब कि ओली जी मुँह बोले खातिर दिहल गइल बा बाकिर कुछुओ बोले खातिर ना। बात खाली शब्द या शब्द के समूह ना। आग ह, लुत्ती लगा देला। लुत्ती लहोक बन जाला त बहुत कुछ झुलस जाला, जर के राख हो जाला। सावधान !
हम भोजपुरिआ आ श्रीराम –
हम भोजपुरिआ के पाँचवाँ अंक ( 1-15 अप्रैल ) लोक में राम पर केंद्रित रहे। ओह अंक में श्रीराम पर गद्य-पद्य में बहुत सामग्री बा। लेकिन ओली के बोली से, बलुक कुबोली से पितपिताइल-अगिआइल मन एक बार फेर से राम पर कुछ सामग्री परोस रहल बा। राम से बड़ा नायक केहू नइखे। भारत के उत्तर प्रदेश स्थित अयोध्या में श्रीराम के जन्म भइल रहे, एह पर सवाल उठावे वाला आज खुदे एगो सवाल बन गइल बा।