संपादक- मनोज भावुक
” भोजपुरी जंक्शन ” ! इहे नाम मिलल ह। ” हम भोजपुरिआ ” से शुरुआत भइल 30 जनवरी 2019 के, गाँधी जी के पुण्यतिथि पर। पहिला अंक महात्मा गाँधी के समर्पित…’’ महात्मा गाँधी विशेषांक ’’…150 पेज के। पत्रिका त चालीसे पेज के बा। बाकिर गाँधी जी के 150वीं जयंती रहे त मन भइल कि 150 पेज के निकलो त निकल गइल। विशेषांक से शुरुआत भइल त आज ले विशेषांके निकsलता। फगुआ, चइता, वसंत तीन गो फेस्टिवल स्पेशल माने त्यौहार विशेषांक, गाँधी विशेषांक के बाद वीर कुँवर सिंह विशेषांक, लोक में राम विशेषांक …माने गाँधी, वीर कुँवर सिंह आ मर्यादा पुरुषोत्तम राम तीन गो महानायक पर विशेषांक, कोरोना के विपदा आइल त तीन गो कोरोना विशेषांक, कोरोना कवितावली धारावाहिक रूप में, चीन के दगाबाजी, धूर्तता-मक्कारी आ शत्रुता, षडंयत्र के कोशिश अनवरत जारी बा त विशेषांक के साथे पिछला कई अंक से चीन के चालबाजी पर भी आलेख आ स्तम्भ के सिलसिला जारी बा। कहे के मतलब कि ट्रेडिशन के साथे, परंपरा के साथे करेंट अफेयर्स से भी कदम ताल करत रहल बा – हम भोजपुरिआ।
भोजपुरी खातिर जे पूरा जिनिगी खपा दीहल ओकरा के केहू नइखे पूछत, बात चाहे सिनेमा के होखे चाहे साहित्य के होखे चाहे कला के। लोग खुदे सुपरस्टार बनल फिरत बा। कहsता हमरे से इतिहास शुरू भइल बा। सिनेमा में त ई ढेर बा। हम भोजपुरिआ सिनेमा आ साहित्य दुनों के इतिहास पर टॉर्च बरले बा। धारावाहिक रूप में सामग्री परोस रहल बा। साहित्य में दिवंगत साहित्य सेवी से शुरुआत भइल बा। एह अंक के साथ 55 गो दिवंगत सेवी के परिचय पूरा हो जाई। सिनेमा के इतिहास, प्रतिमान आ सेवी लोग पर लगातार बात होते बा। जब सब होते बा, सब ट्रेन इहाँ से गुजरते बा त एकरे के नू जंक्शन कहल जाला आ बात भोजपुरी के बा त भोजपुरी जंक्शन ! बा कि ना।
हं, त हम भोजपुरिआ से शुरू भइल आ अभी ले चौदह गो अंक निकल गइल। …तले पत्रिका के नाम फाइनल होके आइल भोजपुरी जंक्शन। रजिस्ट्रेशन (RNI) खातिर पांच गो नाम देवे के पड़ेला, दियाइल। फाइनल होके आइल भोजपुरी जंक्शन त एह अंक से हम भोजपुरिआ भइल भोजपुरी जंक्शन।
त जइसे हम भोजपुरिआ पर भोजपुरी साहित्य, सिनेमा, कला, परंपरा आ करेंट अफेयर्स के ट्रेन चलत-दउड़त रहल ओसहीं भोजपुरी जंक्शन पर भी दउड़ी, बस रउरा सभे साथ देत रहब। जवन प्यार, स्नेह, सहयोग, मार्गदर्शन हम भोजपुरिआ के देहनी उहे, ओइसने, अउरो अधिका, ओहू से बेसी भोजपुरी जंक्शन के देब उम्मीद भी बा आ निहोरा भी करत बानी। हमनी के कोशिश रही परंपरा के साथे-साथ समय के राग गावे के। एहू अंक में देखीं धोनी आ सुशांत सिंह के बात होता त भोलानाथ गहमरी, कुञ्ज बिहारी कुंजन आ नाज़िर हुसैन आ चित्रगुप्त जी के भी बात होता।
त लीं, हाज़िर बा भोजपुरी जंक्शन के पहिला अंक। हम भोजपुरिआ के 14 अंक के बाद बाय-बाय, टाटा, अलविदा। भोजपुरी जंक्शन के स्वागत।