लेखक : मनोज भावुक
रविकिशन
रविकिशन आधुनिक भोजपुरी सिनेमा के पहिला सुपरस्टार हउवें। उनकर शुरुआत हिंदी सिनेमा से भइल बाकिर उनका नाम आ दाम भोजपुरी से मिलल। 17 जुलाई 1969 के मुंबई के सातांक्रूज इलाका में उनकर जनम भइल। उनकर पिता जी पहिले मुंबई में दूध के व्यापार करत रहलें। जब बिजनेस ठप पड़े लागल त उ अपना गांवे जौनपुर लौट गइलें।रवि के बचपन उहवेंबीतल। 17 साल के उम्र में रविकिशन अपना माई के कहला पर फिलिम में काम करे मुंबई आ गइलें।
आज रविकिशन उत्तर भारत से लेके दक्षिण भारत तक हर जगह पहुंच चुकल बाड़े जबकि एगो समयअइसन रहे कि फिलिम में काम करे खातिर उ सड़क पर छिछियात फिरस। उ90 के दशक में बी-ग्रेड हिंदी फिलिम‘पीताम्बर’से आपन शुरुआत कइलें। उनकर संघर्ष चलत रहल आ हिंदी फिलिम जइसे कि ‘आग का तूफान’, ‘उधार की जिंदगी’मेंछोट-छोट रोल करत रहलन। एही बीच 1996 में उनका नितिन मनमोहन के फिलिम‘आर्मी’ मिलल। एह फिलिमके लीड रोल में एक्टर शाहरुख खान अउर श्रीदेवी रहे लोग।
रविकिशन के किस्मत त तब पलटल जब साल 2003 में उनके सलमान खान के अपोजिट फिलिम‘तेरे नाम’ मिलल। एह में रवि हीरोइन निर्मला (भूमिका चावला) के मंगेतर रामेश्वर के भूमिका निभवले रहलें अउरी उनके शानदार अभिनय खातिर बहुत वाहवाही मिलल। रवि किशन के माता जी एक बेर कहले रहली कि तू गांव वाला लोग खातिर कवनो फिलिम काहे नइखऽ करत। संजोग देखीें, ओही साल रविकिशन के मोहनजी प्रसाद के भोजपुरी फिलिम ‘सइयां हमार’ में मुख्य भूमिका निभावे के मौका मिलल। ई फिलिम खूब चर्चा में आइल। काहे कि उ ठप्प पड़ल भोजपुरी सिनेमा उद्योग के शुरुआती फिलिम रहे; आ अच्छा कलेक्शन कइलस। एकरा बाद त रविकिशन के भोजपुरी में लगातार फिलिम आॅफर होखे लागल। उनके फिलिम‘पंडित जी बताईं ना बियाह कब होई’ त 5 करोड़ तक के व्यवसाय कइलस। 2005 में आइल उनके फिलिम ‘कब होई गवना हमार’ के सर्वश्रेष्ठ क्षेत्रीय फिलिम के राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिलल। रविकिशन लगातार फिलिम पर फिलिम करत गइलें आ उनका साथे भोजपुरी इंडस्ट्री भी आपन उठान के ओर बढ़त गइल। एह तरे रवि किशन भोजपुरी के सुपरस्टार अभिनेता बन गइलें।
रविकिशन के फिलिम‘जरा देब दुनिया तोहरा प्यार में’ अमेरिका के प्रोडक्शन कम्पनी पन फिल्म्सके बैनर से बनल आ कांस फिल्मफेस्टिवल में देखावल गइल। 2006 में रविकिशन मशहूर टीवी शो बिग बाॅस में गइल रहलें। रविकिशन लगातार भोजपुरी, हिंदी आ तमिल-तेलुगु के फिलिम करत रहेलें। उनके फिलिम बाॅक्स आॅफिस पर भी कमाल करत रहेेला। बाॅलीवुड आ साउथ के कई गो हीरोइन के भोजपुरी में ले आवे के श्रेय भी रवि किशन के जाता काहे कि उ पहिले से एह इंडस्ट्री में सक्रिय रहलें।
रविकिशन 2019 में गोरखपुर सीट जीत के मोदी 2ण्0 सरकार में सांसद बनल बाड़ें आ जनता से कइल वादा निभावे में लागल बाड़ें।हाल ही में उ भोजपुरी के संवैधानिक दर्जा दियावे के बात संसद में रखलें ह।
उल्लेखनीय भोजपुरी फिलिम-सइयां हमार, पंडित जी बताईं ना बियाह कब होई, बिदाई, पंडित, कब होई गवनवा हमार, गंगा, धर्मवीर, बिहारी माफिया, रामपुर के लक्ष्मण, कइसन पियवा के चरित्तर बा, देवरा बड़ा सतावेला, हम बाहुबली, गंगोत्री, दूल्हा मिलल दिलदार आदि।
मनोज तिवारी
मनोज तिवारी भोजपुरी सिनेमा के आधुनिक युग के ऊ प्रतिमान हउवें जिनके डेब्यू फिलिम‘ससुरा बड़ा पइसावाला’ मृतप्राय भोजपुरी सिनेमा उद्योग के जिया देहलस। उनकरफिलिम29 लाख के लागत में बनल आ लगभग 34 करोड़ के कमाई कइलस।ई 11 गो शहर में 50 सप्ताह तक सिनेमाघर से उतरबे ना कइलस। एह फिलिम के बाद भोजपुरी सिनेमा के एगो बड़ दर्शक-समूह बन गइल।
कैमूर (बिहार) के भभुआ के अतरवलिया गांव में 1 फरवरी 1971 में पैदा भइल मनोज तिवारी चार भाई में तीसरा नम्बर के हवें। किशोरावस्था में ही उनका पिता के देहावसान हो गइल जे शास्त्रीय संगीत के गायक रहलें। मनोज तिवारी के संगीत के प्रति झुकाव बाद में बढ़ गइल। उखुद से बांसुरी बजावे के सीखलें आ जब सीख लेलें त जवन पहिला गाना उनका बांसुरी के धुन बनल, उरहल मोहम्मद रफी के ‘जल्दी जल्दी चल रे कहंरा….सूरज डूबे रे नदिया।’
बी.पीएड. अउरी एम.पीएड. कइला के बाद मनोज तिवारी गायकी खातिर कोशिश करे लगलें। उदिल्ली टी-सीरिज के आॅफिस पर लगातार चार साल चक्कर कटलें बाकिर कुछ ना भइल। एक बार वैष्णो देवी से लवटत समय फेर दिल्ली के टी-सीरिज आॅफिस में गइलें। ओहिजा के अधिकारी इनके पहचान गइल रहलें।मनोज उनसे कहलें कि हम एगो नया कैसेट लेके आइल बानी-मैया के गीत के। गुलशन कुमार तब बरामदा में खड़ा रहलें। मनोज जाके पांव छुवलें आ आपन नाम बतवलें। गुलशन कुमार उनका एल्बम के पहिला गाना ‘निमिया के डाढ़’ सुनत मन्त्र मुग्ध हो गइलें। एह तरे टी-सीरिज से1996 में रिलीज भइल उनकर पहिला एल्बम। फेर त मनोज तिवारी पीछे मुड़के ना देखलें। मनोज तिवारी के संगीत के लेके अलग सोच उनके सफलता के चोटी पर पहुंचा देहलस। उ परम्परागत भोजपुरी संगीत के लीक से हट के आधुनिकीकरण के तरफ कदम बढ़वलें आ एक से बढ़ के एक युथ के पसंद आवे वाला, बोलबाजी आ टोन मारे वाला मनोरंजक गीत गवलेंजइसे कि बगल वाली जान मारेली, चट देनी मार देलें रिन्किया के पापा अउरी कुछ सामाजिक विद्रूपता पर गीत जइसे जातिवाद के जहर फइलल, पूरब के बेटा, नौकरी ना मिलल, एमे में लेके एडमिशन कम्पटीशन देता आदि गीत गाके संगीत के बाजार में आपन जगह बना लेहलन।
मनोज तिवारी फिलिम‘कन्यादान’ में ‘हीरो होंडा खोजतिया’ गीत गवलें आ कैमियो भी कइलें। उनका लगे सुधाकर पाण्डेय एगो फिलिम में काम करे के आॅफर लेके अइलें। मनोज के उ आॅफर पसंद आइल लेकिन तब उनका एह बात के तनिको अंदाजा ना रहे कि ई फिलिमिया उनका के मशहूर गायक से भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार बना दी। ओकरा बाद के कहानी सभे जानत बा कि उनका झोरी मंे केतना बड़ा-बड़ा प्रोड्यूसर के फिलिम गिरल आ उ कहां से कहां पहुंच गइलें। मनोज तिवारी 2010 में बिग बाॅस में गइलें, जहां उनका बारे में खूब चर्चा भइल। फेर 2014 में उ भाजपा के तरफ से चुनाव में खड़ा भइलें अउरी उत्तर पूर्वी दिल्ली से जीत गइलें। उनके कद पार्टी में बढ़े लागल आ उ एतना लोकप्रिय भइलें कि भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष बन गइलें। 2019 के चुनाव में भी आपन जीत के परचम लहरवलें। एह तरे मनोज तिवारी गायक से अभिनेता आ अभिनेता से नेता के सफर मंे हर जगह सफल भइलें।
मनोज तिवारी अपना स्टूडेंट लाइफ में क्रिकेट के भी खिलाड़ी रहल बाड़े आ उबनारस हिन्दू विश्वविद्यालय का ओर से खेललहूं बाड़न। हिन्दुस्तान केफिलिम स्टार्स के क्रिकेट सीसीएल (सेलीब्रिटी क्रिकेट लीग) में भोजपुरी सिनेमा के टीम भोजपुरिया दबंग के कैप्टन भी रहल बाड़न मनोज तिवारी। महेंद्र सिंह धोनी से उनकर शुरू से दोस्ती रहल बा।
उल्लेखनीय फिलिम-ससुरा बड़ा पइसावाला, दरोगा बाबू आई लव यू, दामाद जी, रणभूमि, गंगा, गंगा जमुना सरस्वती, धरती कहे पुकार के, भोजपुरिया डाॅन, ठेला नंबर 501, देवा, धरतीपुत्र, भोले शंकर, देहाती बाबू, देवरा भइल दिवाना, ए भउजी के सिस्टर आदि।
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