हमनी के रजिंदर बाबू

December 15, 2020
संपादकीय
, , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , ,
0

संपादक- मनोज भावुक

26 नवम्बर 1949 के भारत के संविधान बनके तइयार भइल, लागू भइल 26 जनवरी 1950 के। कादो, विश्व के सभ संविधान के अध्ययन कके व्यापक विचार-विमर्श के बाद भारतीय संविधान तइयार भइल। संविधान निर्माण खातिर संविधान के प्रारूप समिति के 141 गो बइठक भइल आ एह तरह से 2 बरिस 11 महिना 18 दिन लागल रहला के बाद एगो प्रस्तावना, 395 अनुच्छेद आ 8 गो अनुसूची के संगे स्वतंत्र भारत के संविधान के मूल प्रारूप तइयार करे के काम पूरा भइल। हालाँकि एह 71 साल में एह में ढेर बदलावो कइल गइल। आज हमनी के संविधान में 12 अनुसूची सहित 400 से अधिक अनुच्छेद बा।

त अभिये 26 नवम्बर के पूरा देश में संविधान दिवस मनावल गइल ह। 2015 से हीं संविधान दिवस मनावल जाता। केंद्र सरकार वर्ष 2015 में गजट नोटिफिकेशन द्वारा 26 नवंबर के ‘संविधान दिवस’ के रूप में मनावे के घोषणा कइलस, तब से। एकरा पहिले, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा वर्ष 1979 में एगो प्रस्ताव के बाद से ई दिन ‘राष्ट्रीय कानून दिवस’ (National Law Day) के रूप में मनावल जात रहे।

खैर, संविधान दिवस भा राष्ट्रीय कानून दिवस के शुभकामना देत अपना संविधान के ड्राफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष डॉ. भीमराव अंबेडकर के ओह बतिया पर विशेष ध्यान चाहsतानी जवन अक्सर नजरंदाज होला।

“संविधान कितना भी अच्छा क्यों न हो, वह अंततः बुरा साबित होगा, अगर उसे इस्तेमाल में लाने वाले लोग बुरे होंगे” – डॉ भीमराव अंबेडकर

बात बहुत बड़ बा। बूझे के जरुरत बा।

अब एगो दोसर बात। 26 नवम्बर से सटले एगो अउर तिथि बा- 3 दिसम्बर। 3 दिसंबर 1884 के ओह महान छात्र के जन्म भइल जेकरा खातिर एग्जामिनर कहलस कि ‘The Examinee is better than Examiner.’ ..सादगी, सेवा, त्याग आ स्वतंत्रता आंदोलन में अपना आपके होम कर देवे वाला ओह महान देशभक्त के जनम भइल जेकरा के भारत सरकार द्वारा सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से नवाज़ल गइल। जेकरा के पूरा देश प्यार से ‘देशरत्न’ कहल।

आजादी के बाद 26 जनवरी 1950 के भारत के गणतंत्र राष्ट्र के दर्जा मिलला के साथ जे देश के राष्ट्रपति बनल, फेर साल 1957 में दुबारा राष्ट्रपति बनल, देश के एकमात्र नेता जे दू बार राष्ट्रपति बनल, 12 साल तक राष्ट्रपति रहल, ओह पुण्यात्मा के जन्मदिन ह 3 दिसम्बर।

डॉ. राजेंद्र प्रसाद माने हमनी के इलाका के रजिंदर बाबू। जीरेदेई सिवान के नू हईं। खाँटी भोजपुरिया। कादो, अपना लोग से भोजपुरिये में बतिआईं अउर उहें के प्रेरणा से भोजपुरी में सिनेमा बनल शुरू भइल।

खैर, ई सब कथा-कहानी त जवन बा तवन बड़ले बा। असल बात ई बा कि बात भारतीय संविधान आ संविधान दिवस से शुरू भइल बा त ई जानल जरुरी बा कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद हीं  संविधान सभा के अध्यक्ष रहनी आ उहाँ के जवन 24 गो उप-समितियन के गठन कइले रहीं, ओही में से एगो ‘‘मसौदा कमेटी’’ के अध्यक्ष डॉ. भीमराव अम्बेडकर रहनी। अम्बेडकर साहेब के काम रहे 300 सदस्यीय संविधान सभा के सब चर्चा आ उप-समितियन के सब अनुशंसा के संकलित कके एगो मसौदा (ड्राफ्ट) तैयार कइल, जवना के संविधान सभा के अध्यक्ष भइला के नाते रजिन्दरे बाबू स्वीकृत करत रहनी। तब उ ड्राफ्ट संविधान में शामिल होत रहे।

त भाई हो, तनी रजिन्दरो बाबू के योगदान के ओतने मन से ईयाद कइल जाय। हमरा विश्वास बा कि उहाँ के ईयाद कइला से, सच्चा मन से उहाँ के श्रद्धांजलि देला से, उहाँ के जीवन में आत्मसात कइला से राजनीति के आत्मा परिष्कृत होई आ देश, समाज के बेहतर दिशा मिली।

Hey, like this? Why not share it with a buddy?

Related Posts

Leave a Comment

Laest News

@2022 – All Right Reserved. Designed and Developed by Bhojpuri Junction