संपादकीय में समाइल कोरोना

संपादक- मनोज भावुक मार्च 2020 में आइल कोरोना महामारी पूरा साल आदमी के अस्तित्व के झकझोरत रहल. अभियो टीस मारते बा. एह दरम्यान बहुत कुछ सोचे-समझे खातिर आदमी मजबूर भइल. हमरो मन में उथल-पुथल रहल. बहुत कुछ पाकल, बहुत कुछ फूटल आ उ संपादकीय के पन्ना पर ओह कालखंड के दस्तावेज के रूप में अंकित-टंकित […]