जय भारत माता के बोल !

September 27, 2021
कविता
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डॉ. ब्रजभूषण मिश्र

छूटल जहँवा राम के बाण
गूँजल  कान्हा बँसुरी  तान
धइलें  जहँवा शंकर ध्यान
पवलें जहँवा गौतम  ज्ञान

बजवली सरस्वती जहाँ ,आपन वीणा अनमोल ।
जय भारत माता के बोल !

जहाँ के भाखा भेख अनेक
बाकि  बाटे  भीतर से  एक
जहाँ के  खूबी ह  आध्यात्म
अउर ह बुद्धि बेवहार विवेक

इहँवा के  दरसन के  बाटे  देश-विदेश में मोल ।
जय भारत माता के बोल !

बहे गंगा – जमुना जल धार
रहे सब रितुअन के त बहार
इहाँ  जनम  लेवे  के चाहे
करत  देवतो  लोग मनुहारग मनुहार

इहाँ के  लोग  लुटावे प्यार  आपन हिरदा खोल ।
जय भारत माता के बोल !

एकर आपन अलग बा रूप
एकर आपन अलग अंदाज
एकर आपन अलग संगीत
एकर आपन अलग बा साज

ऊपरी  देखावा के  नइखे , इहँवा  कवनो मोल ।
जय भारत माता के बोल !

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