सिनेमा में बारिश, बारिश में सिनेमा

October 22, 2021
सिनेमा
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मनोज भावुक

भादो चल रहल बा, अबे कुछ दिन पहिले सावन बीतल ह। ई दुनु महीना सबसे ढेर बरखा खातिर जानल जाला। ई महीना किसान के होठे मुस्की लिआवेला, त गोरी के अपना प्रेमी के इयाद में तड़पावेला। कहल जाला कि सावन में बड़ा त्योहार अउरी उत्सव होला त भादो आवते सब बंद हो जाला। भादो के लेके कई गो लोकोक्ति भी बा। जइसे भादो में काम धंधा चौपट हो जाला। कुछ लोग कहेला कि ‘का हो, एहि आँखि भादो खेपबs! कहे के माने कि भादो के भीषण बरखा खाली बूंदे ना विपत्ति के ओला भी ले आवेला। एगो इहो मुहावरा फेमस बा कि सावन में जनमलs आ भादो में बाढ़ आइल आ कादो अइसन बाढ़े ना देखनी। खैर…

ई सावन-भादो से सिनेमा उद्योग हमेशा मलाइये चांपेला। गाना बा, ‘मेरे नैना सावन भादो, फिर भी मेरा मन प्यासा’। बाकिर सिनेमा आ संगीत के मन एही मौसम में त प्यास बुझावेला।

सिनेमा में बारिश के ऊपर बहुते फिलिम बनल बा। कई गो फ़िल्मन के नामे बरखा के ऊपर रखाइल बा। कई गो फ़िल्मन में बारिश के गीत ओकर मुख्य आकर्षण बा आ ओकर बॉक्स ऑफिस बिजनेस पर बड़ा प्रभाव छोड़ले बा। कुछ फ़िल्मन में बारिश के इर्द गिर्द ही कहानी भा पटकथा बुनल बा। कई गो में बारिश के दृश्य क्लाइमेक्स के सीन बनल बा। अक्सर फ़िल्मन के फाइट सीन में गंभीरता देखावे खातिर बारिश के प्रयोग कइल जाला। फिल्मकारन खातिर बारिश एगो अइसन डिवाइस बा कि जब फ़िल्म के कवनो दृश्य में वीभत्सता लिआवे के होला, शोक लिआवे के होला त बारिश के इस्तेमाल कइल जाला। रउआ अक्सर देखले होखब, फ़िल्म के कवनो विशेष किरदार के मृत्यु भइल त बरखा होखे लागी, अगर कवनो किरदार बहुत उदास बा, टूट गइल बा त बरखा होखे लागी। इहाँ तक कि हॉलीवुड में भी मुख्य किरदारन के मरला पर जब लोग ओकनी के अंतिम क्रिया कइल जाला त बरखा के माहौल सेट रहेला ताकि सीन में इंटेंसिटी आवे। आ ई सच बा कि बरखा दृश्य में गहनता लिआवेला। रउआ सभे एह बात के मानब कि जवन बरखा कवनो कवनो दृश्य में खुशी अउरी उन्माद के कारण बनेला, हीरो-हिरोइन के बीच प्यार के बिया पोंगावेला; उहे बरखा कबो मातम के गवाह बनेला त कबो क्रूरता अउरी हिंसा के समर्थक बनेला।

इहे बा बरखा के अनेक रूप, जवना के फ़िल्मकार लोग बढ़िया से बूझेला अउरी परिस्थिति के हिसाब से प्रयोग करेला। चलीं कुछ फ़िल्मन के मिसाल ले लिहल जाव जहाँ बरखा के दृश्य फ़िल्म के कहानी के विकास खातिर बड़ घटक बनल। 1959 के फ़िल्म ‘कागज के फूल’ देखले होखब। फ़िल्म में निर्देशक के भूमिका निभा रहल गुरुदत्त जब एगो बेसहारा सुंदर युवती शांति से मिलsतारें त बरखे बरसत बा। दिल्ली के उ रात के बरखा में बेचारी एगो युवती के बरखा में भीजत देख गुरुदत्त आपन कोट दे देतारें। उनके किरदार टैलेंट स्काउटिंग खातिर आइल रहत बा जवन अपना फिलिम के हीरोइन खोज रहल बा। बाद में उ युवती जब बम्बई जा तिया त उनके कोट लौटावत बिया आ एही क्रम में अइसन घटना होत बा कि गुरुदत्त के शांति में आपन फ़िल्म के हीरोइन लउक जात बिया। असहीं फ़िल्म ‘थ्री इडियट्स’ में बारिश के दू जगह बखूबी प्रयोग भइल बा। पहिला जब एगो मेधावी इंजीनियरिंग छात्र जॉय लोबो पढ़ाई आ प्रिंसिपल के प्रेशर में आत्महत्या कर लेता तब ओकरा अंतिम क्रिया के टाइम बरखा के इस्तेमाल बा। दुसरका जब फ़िल्म के क्लाइमेक्स बा। अति-स्वाभिमानी प्रिंसिपल के बड़ बेटी के जब डिलीवरी के टाइम आवsता अउरी भीषण बरखा के चलते चारु ओर पानी भर जाता, कवनो उपाय नइखे रहत कि ओके हॉस्पिटल ले जाइल जाव तब हीरो रैंचो ओही बरखा के त्रासदी के बीच डिलीवरी करवावत बा। ई दृश्य एक तरह से फ़िल्म के क्लाइमेक्स ही बा। एकरा बादे सब कुछ बदल जाता।

फ़िल्म ‘तुम मिले’ इमरान हाशमी अउरी सोहा अली खान के फ़िल्म ह जवन मुम्बई में 2005 में आइल भयंकर बाढ़ के आस-पास सेट बा। फ़िल्म में हीरो हीरोइन पहिले से एक दूसरा के साथे रहि चुकल बाड़ें। फेर अचानक 6 साल बाद मुम्बई में भारी बरखा के चलते भीषण बाढ़ में फँसल एक दूसरा से मिलत बाड़ें। पूरा फ़िल्म एही बाढ़ से जीवटता के लड़ाई पर बा। ई फ़िल्म भी बड़ा देखल गइल। बारिश के बैकड्रॉप में ताल फ़िल्म सेट बा। पूरा फ़िल्म में जेतना भी दृश्य पहाड़ के बा, उहाँ बरखा के बहुते देखावल गइल बा। एकर कारण ई भी बा कि ओहसे पहाड़न के खूबसूरती बढ़ जाता। ‘ताल से ताल मिला’ गाना के के भुला सकेला। लगान फ़िल्म के ‘बरसो रे मेघा-मेघा’ किसानन के उ दर्द बयां कइले बा कि कइसे सूखा के बेरा किसान हरदम आसमान के ओर आंख टिकवले रहेला।

 

राज कपूर साहब के त 1949 में बरसात नाम के फ़िल्म आइल, जवन बहुत हिट रहल। फ़िल्म श्री 420 में राज साहब बरखा में ही ‘प्यार हुआ इकरार हुआ’ गवलें। फ़िल्म छलिया (1960) के गाना ‘डम डम डिगा डिगा’ त राज साहब के हिट गीतन में बटले बा, आजुओ लोग के जुबान पर बा। हालांकि बरसात नाम से दु गो फिलिम अउरी आइल। साल 1995 में बॉबी देओल, ट्विंकल खन्ना के आ फेर साल 2005 में बॉबी देओल, विपाशा बसु अउरी प्रियंका चोपड़ा के।

‘टिप-टिप बरसा पानी’ गाना में बरसत पानी अउरी पियर साड़ी में नाचत रवीना आ करिया कोट में नाचत अक्षय सभकरा इयाद होइयें। ई गाना त बूझी जे सिनेमा में बरखा के पर्याय बन गइल बा।

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