पुतिन के सनक आ जेलेंस्की के जिद के भेंट चढ़ल यूक्रेन

May 2, 2022
आवरण कथा
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अनुरंजन झा

रूस आ यूक्रेन के बीच के युद्ध तीसरा हफ्ता में आ गइल बा लेकिन का मजाल कि दूनू देश में कवनो जाने टस से मस हो जाए लो। एतना त तय बा कि हमला करे से पहिले रुस के इ बात के अँदाजा ना रहल होई कि इ लड़ाई एतना लंबा खिंची। खाली उनके काहे, बाकि दुनिया के भी इहे अंदाज रहल होई कि जादे से जादे 48 घंटा में मामला फरिआ जाई लेकिन अइसन ना भइल आ अब तनाव पूरा यूरोप में साफ देखाई दे रहल बा। एतना दिन के लड़ाई में रुस अभी तक कीव माने यूक्रेन के राजधानी पर भी पूरा कब्जा ना क सकल बा। त आखिर ई लड़ाई के नतीजा का होई ? जाहिर बा कि रुस एगो ताकतवर देश बा, महाशक्ति कहल जाला त ओकरा सामने यूक्रेन के फौज के कवनो मोजर नइखे, देर सबेर यूक्रेन के हार मानही के पड़ी लेकिन आखिर ई युद्ध में जीती के ? सांच बात त ई बा कि सही मायने में देखल जाव त पुतिन सैद्धांतिक तौर पर ई लड़ाई हार चुकल बाड़न लेकिन जेलेंस्की के जिद आ पुतिन के साम्राज्यवादी विस्तार नीति के चलते यूक्रेन त्राहिमाम क रहल बा। कई गो शहर में एतना खराब हालत बा कि सड़क पर बिखरल लाश उठावे वाला केहू नइखे। गांव-शहर हर जगह लोग दहशत में बा, लोग के करेजा कांपत बा आ रूस के बमबारी जारी बा। ई युद्ध में कोई जीते, कोई हारे लेकिन यूक्रेन के मासूम जनता जरूर अपन बहुत कुछ हार रहल बा।

बीच में एक बेर लागल कि जेलेंस्की युद्ध खतमावे के चाहत बाड़न जब उनका ओरि से संकेत आइल कि उ नेटो देश में शामिल होखे के अपन विचार त्याग सकेलें साथे साथ उ लुहांस्क आ डोनस्क पर भी बात करे के तैयार बाड़े। ओने रूस भी कहसल कि पुतिन के इरादा यूक्रेन पर कब्जा करे के चाहे उहां के सरकार के बदले के नइखे, माने जे रूस पहिले से कहत रहे कि यूक्रेन नेटो देश में शामिल मत होखो बस ओही बात के गारंटी पर रूस लड़ाई से रुक सकअ ता। इ दूनू के बयान के बाद बुझाइल कि शायद अब इ युद्ध जल्दिए खतम हो जाई। जेलेंस्की के इ बात के चिंता त होखबे करी कि पता ना इतिहास के पन्ना में उनकर नाम के लेखा लिखाई, भले लोग उनका के योद्धा माने बाकिर यूक्रेन के इ नुकसान के जिम्मेदार भी उनका के मानल जाई, बावजूद एकरा उनकर बयान से बुझाइल कि ऊ युद्ध के खतम करे चाहत बाड़ें। लेकिन अइसन अभी तक नइखे भइल। ना ता यूक्रेन पर रूस के हमला रुकल बा और ना ही यूरोपीय संघ आ नेटो देश रुस पर प्रतिबंध लगावे के रफ्तार रोकअ ता। ई अब साफ-साफ बुझा रहल बा कि आवे वाला दिन में इ आर्थिक प्रतिबंध से रूस के हाल गड़बड़ाई, भले दुनिया भर में कुछ लोग इ बात के जाप क रहल बा कि 2014 में भी त रूस पर पाबंदी लागल त ओकर का बिगड़ल ? लेकिन इ बेर स्थिति ओइसन नइखे। लेकिन इ निर्भर करी कि ब्रिटेन आ यूरोपीय संघ के द्वारा लगावल प्रतिबंध के मियाद केतना रहअ ता।

जब से इ लड़ाई हो रहल बा इ साफ-साफ दिखाई दे रहल बा कि ब्रिटेन आ दोसर नेटो देश रूस से सीधे-सीधे लड़ाई के मूड में नइखे काहे कि ओ से तिसर विश्व युद्ध के खतरा बढ़ी, आ तिसर विश्व युद्ध होखी त बिना परमाणु हथियार के ना होखी। ओह हालत में रूस के पास अमेरिका से जादे परमाणु हथियार बा, पूरा यूरोप में जेतना नइखे ओतना परमाणु हथियार रूस के लगे बा, आ इहे सबसे बड़ा कारण बा कि नेटो देश खुलके यूक्रेन के पक्ष में खड़ा नइखे होखत। एही से अमेरिका-ब्रिटेन आ यूरोपीय संघ रूस पर तरह-तरह के पाबंदी लगा रहल बा। ब्रिटेन रूस के बैंक अपना इहां बंद क देहलस, रूस के अमीर लोग जे ब्रिटेन में रहत रहे ओकर संपत्ति जब्त क देहलस। स्विफ्ट, जेकरा जरिए एक देस से दोसर देस में पइसा भेजल जाला ओ सिस्टम से रूस के ज्यादातर बैंक के बाहर क दिआइल बा आ एकर नतीजा ई भइल बा कि रूस के सिस्टम चरमरा गइल बा। उहां के बैंक में पइसा रखे खातिर बैंक दोगूना ब्याज दे रहल बा। अगर ई लड़ाई कुछ दिन में ना खतम होई त ई संकट और बढ़ी आ धीरे-धीरे यूरोप के दोसर देस सब भी प्रभावित होई। यूरोप में सबसे जादे गैस रूस से आवेला काहे कि रूस दुनिया के सबसे बड़ गैस के उत्पादक देस ह। कुल मिलाके ई आर्थिक पाबंदी के असर रूस पर जादे पड़ी लेकिन यूरोप पर भी बड़ी, ब्रिटेन के वित्त मंत्री ऋषि सुनक त कह भी देले बाड़ें कि आवे वाला समय में ब्रिटेन के लोग के महंगाई के सामना करे खातिर तैयार रहे के होई। साथे साथ जवाब में रूस एगो कानून बना रहल बा जे में ई होई कि जे बिजनेस घराना ( चाहे दुनिया के कवनो देश के होखे, खासकर यूरोप के ) ई लड़ाई के दौरान अपन कामकाज रूस में बंद क पलायन कइल ह लोग उ लोग के संपत्ति जब्त क के सरकारी संपत्ति घोषित क दिआई, दरअसल इ तरीका से पुतिन बड़ा-बड़ा ब्रांड के मन में डर बइठा रहल बाड़ें कि युद्ध खतम भइला पर अगर रूस आ के अपन संपत्ति खोजबअ लोगन त ना मिली।

समस्या खाली एही जा खतम नइखे होखत, यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की वीडियो कांफ्रेंसिंग से ब्रिटेन के संसद के संबोधित कइलें आ कहलें कि रूस एगो आतंकवाद देस ह आ दोसर यूरोपीय देस सब भी ओकरा के आतंकवादी देस घोषित करे। साथे साथ उ एगो वीडियो भी बना के सब यूरोपीय देस से ई गुहार लगाव तारेन। ओने रूसी फौज आपन बर्बरता के हद पार कर गइल, मारियुपोल में आम लोगन पर हमला भइल, अस्पताल आ स्कूल पर बम गिरावल गइल, एतने ना एगो अस्पताल के बच्चा वार्ड पर भी बमबारी भइल। ई हमला के दुनिया भर में निंदा हो रहल बा। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतरेस भी एकर निंदा कइलें आ कहलें कि आम लोग के जेकरा ई लड़ाई से कवनो लेना देना नइखे ओकरा के तबाह कइल ठीक नइखे। लेकिन पुतिन के कवनो असर नइखे होत। अभी एतने हो रहल बा कि बीच-बीच में मध्यस्थ देसन के जइसे भारत, इजराइल आ तुर्की के बात पर कुछ समय ला सीजफायर हो जा ता लेकिन फेर कबो सायरन बाज जाता आ युद्ध शुरु हो जाता। अमेरिकी कंपनी मैक्सर टेक्नोलॉजीज कुछ तस्वीर जारी कइसल ह जे मे साफ-साफ दिखाई दे  रहल बा कीव के घेरेला रुसी सेना फेर से संगठित हो रहल बा।

ब्रिटेन के रूस के अगर तुलना करी त बात साफ होता कि बदमासी के क रहल बा। एक तरफ ब्रिटेन अपना नागरिक से कह रहल बा कि युद्ध में सीधे शामिल नइखे होखे के। ओही जां पुतिन खाड़ी देश के उ लड़ाका सब के जेIS के खिलाफ सीरिया में लड़ले रहे, रूस के ओर से लड़े ला बोला रहल बाड़ें। अगर इ रफ्तार रही त इ लड़ाई और लंबा खिंच सकेला।

ऐने ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ब्रिटिश जनता से कहलें ह कि अगर उ लोग चाहे त यूक्रेन के शरणार्थी के अपना घर में रख सकेला लोग। संकेत भी मिलल ह कि आवे वाला समय में ओकरा खातिर कुछ आर्थिक पैकेज भी देहल जाई।

मौजूदा हालात में निश्चित तौर पर इ युद्ध के दौरान आम लोगन पर भइल बर्बरता युद्ध अपराध ह लेकिन अंतरराष्ट्रीय अदालत में पुतिन के पहुंचावे खातिर यूक्रेन के इ साबित करे के पड़ी कि पुतिन युद्ध अपराधी बाड़ें। इहां सबसे बड़ा सवाल बा कि ए में यूपोरीय देस चाहे नेटो देस केतना मदद क सकेला। लेकिन मामला एही जा खतम नइखे होखत अब यूरोप के छोट-छोट देस के ई चिंता सता रहल बा कि अगर ई युद्ध यूक्रेन से निकल के आगे बढी त उ देसन ला संकट पैदा हो जाई। खासतौर पर बाल्कन देस ला। कोसोवो के प्रधानमंत्री आ राष्ट्रपति दूनू जाने साफ-साफ कहअ ता लोग कि रूस पश्चिमी बाल्कन के अस्थिर क के पूरा यूरोप के अस्थिर करे के कोशिश करी। निश्चित तौर पर इ समस्या बढ़े के ओर इशारा बा। लेकिन अभी जेलेंस्की के होशियारी एही में बा कि उनका ई लड़ाई से पीछे हटे के चाही आ पुतिन के भी यूक्रेन के आम लोग के तबाह ना करे के चाही लेकिन इ सब आदर्श बात बा। अभी त हालात ई बा कि पुतिन के सनक आ जेलेंस्की के जिद यूक्रेन के तबाह क रहल बा आ तीसर विश्व युद्ध के दरवाजा पर दुनिया के ला के खड़ा क देले बा।

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