मात दिहल मिरतू के

आवरण कथा चंद्रेश्वर मिरतू के एगो विकल्प स्मृतियो ह, हो सकेला। केहू मरियो के ज़िंदा रह सकेला, अपना प्रियजन के स्मृति में। ई स्मृति एगो अइसन गहिरारे तहखाना आ कि भंडारखाना ह जवना में सबकिछु समा जाला। ई ओह में समा के दिन प दिन अवरू निखरत आ चमकत जाला। एकर रंग गाढ़ चटख होत […]
जातस्य हि ध्रुवो मृत्युः ध्रुवं जन्म मृतस्य च

आवरण कथा मार्कण्डेय शारदेय सृष्टि के संरचना अतना वैज्ञानिक आ व्यावहारिक बा कि पारिस्थितिकी के बदौलत हर उपज आपन पहचान कराके, कुछ लेके, कुछ देके भावी पीढ़ी खातिर रास्ता स्वतः छोड़ देला। जानि के त केहू ना मरे, बाकिर काल अपना सफाई अभियान में ले लेला। एही में कवनो-कवनो गर्भस्थ, शिशु, पौगण्ड, किशोर, युवा आ […]
मृत्यु के रहस्य

आवरण कथा विनय बिहारी सिंह मृत्यु के लेके मन मे जौन डर रहेला ओकरे के दूर करे खातिर हमनी के वेद-पुराण बाड़े सन। बाकिर हमनी का लगे समय नइखे कि एह अमृत ज्ञान के पढ़ीं जा। सबकेहू के अपना जीवन में दू गो किताब जरूरे पढ़े के चाहीं- कठोपनिषद् आ भगवद्गीता। एह किताबन में अमृत […]