भोजपुरी के कवि-कथाकार सत्यनारायण सिंह के 27 नवंबर 2022 के पटना, बिहार में निधन हो गइल। एकावाना घाट, थाना बड़हरा, जिला भोजपुर, बिहार में सन 1945 में महाशिवरात्रि के जन्मल सत्यनारायण बाबू भोजपुरी साहित्य के ना खाली समर्पित लेखक रहनी बलुक भोजपुरी सम्मेलन पत्रिका के लंबा समय तक प्रायोजक बन के साहित्य के उन्नयन खातिर आर्थिक सहयोग करे में भी आगे रहत रहीं। उहाँ के प्रकाशित पुस्तकन में इहे कहानी बा , नदी के किनारा, खानगी मसीहा ( कविता संग्रह ) आ नाव खुल गइल (कथा संग्रह ) प्रमुख बा। भोजपुरी निबंध सागर (निबंध संग्रह ) ; करूप कन्या (उपन्यास); नेता देऊआ जमीन , बीजू भौजी , स्वामी अभयानंद के आत्मकथा (सब कथा-संग्रह); शरद के पूनो (कविता संग्रह) आदि प्रकाशन के राह देखत बा।
टेलीग्राफ मास्टर के नौकरी से सेवानिवृति के बाद उहाँ के कई गो संगठन से जुड़नी जइसे कि श्रमिक नेता, फेडरल कोंसिलर, एन. टी. ई. , संगठन मंत्री एन. एफ. टी., अध्यक्ष, बिहार राज्य प्रेस कोआपरेटिव सोसाइटी ; सदस्य, बिहार राज्य कोआपरेटिव यूनिट कौंसिल; सचिव , निराला सहकारी गृह निर्माण समिति सी० , पटना ; भूतपूर्व अध्यक्ष, बिहार राज्य सहकारी गृह निर्माण संघर्ष समिति आदि। अपना कर्मठ आ जुझारू व्यक्तित्व से पटना में कई गो कॉलोनी बसवनी यथा नागार्जुन नगर, राजीव नगर, दीप नगर , आचार्य शिवपूजन सहाय नगर , कलक्टर केशरी नगर , सूरकांत त्रिपाठी निराला नगर ,गोपाल सिंह नेपाली नगर आदि |
भोजपुरी जंक्शन परिवार के ओर से विनम्र श्रद्धांजलि।