सोनवा के पिंजरा में बन्द भइल हाय राम चिरई के जियरा उदास

  लेखक- मनोज भावुक लोकधुन के सफल चितेरा चित्रगुप्त ना खाली भोजपुरी बलुक हिन्दी फिलिम के संगीत के भी अमर सितारा बानी। उहां के जनम 16 नवम्बर 1917 ई0 के बिहार, गोपालगंज जिला के करमैनी नाम के गांव में भइल। स्कूलिंग सिवान आ बनारस में भइल। पटना विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एम.ए. आ साथे-साथे पत्रकारिता […]

भिखारी ठाकुर: लोक जागरण के संदेश वाहक

  ज्योत्स्ना प्रसाद “नौ बरस के जब हम भइलीं, विद्या पढ़न पाट पर गइलीं वर्ष एक तक जबदल मती, लिखे ना आइल राम गती                                                                     मन में विद्या तनिक न भावत, कुछ दिन फिरलीं गाय चरावत ” भिखारी ठाकुर के विद्या आरम्भ भइल उनका नौ बरीस के भइला पर। बाकिर उनकर पढ़ाई में मन ना […]

गँवई संस्कृति के पोषक जनकवि कैलाश गौतम

जन्मतिथि – 8 जनवरी 1944 पुण्यतिथि – 9 दिसंबर, 2006 डा. पुष्कर   ‘भक्ति के रंग में रँगल गाँव देखा, धरम में, करम में, सनल गाँव देखा। अगल में, बगल में सगल गाँव देखा, अमौसा नहाये चलल गाँव देखा।’  (अमौसा के मेला )   पंक्ति सुनते भा याद आवते कैलाश गौतम जी के चेहरा आ […]