राउर पाती

संपादकन खातिर मिसाल पेश कइले बानीं सचहूं एगो यादगार अंक निकालिके रउआ भोजपुरी पत्रिकन के संपादकन खातिर मिसाल पेश कइले बानीं। अबहीं काल्हे मोतियाबिंद के आपरेशन करवले बानी,एसे पढ़ल-लिखल अबहीं बंद बा। भगवती प्रसाद द्विवेदी, वरिष्ठ साहित्यकार, पटना   भोजपुरिये में ना; हिन्दियो में माई-बाबूजी पs ई पहिलका अंक बा ‘भोजपुरी-जंक्शन’ के नयका अंक पढ़नी। […]