अपना घरे

महेंद्र प्रसाद सिंह हमार बाबूजी स्व. गोविन्द सिंह ( जनवरी 1900 से 15 जनवरी 1990 ), एगो बहुते आदर्श शिक्षक रहीं आ हमार माई स्व. जोन्हा देवी (1919 से 7 जुलाई 2014), एगो कुशल आ कर्मठ गृहिणी। बाबूजी आचार्य शिवपूजन सहाय के शिष्य रहनी आ अपना कैरियर के शुरुआत राजपूत हाई स्कूल छपरा में एगो […]
ब्रिक्स के कमजोर करत चीन

आर.के. सिन्हा ई साफ बा कि ब्रिक्स जइसन मंच एही खातिर बनले बा ताकि एह में शामिल देश एक-दोसरा के साथे सहयोग करे। ई लोग आपस में जुड़ेला भी एही खातिर काहेकि ये लोग में विभिन्न मसलन पर आपसी सहमति होला, चाहे एकरा खातिर सदिच्छा बनल रहेला। पर कोरोना काल के दौरान देखे में आ […]
पानी प पानी लिखे के कोशिश

संपादक- मनोज भावुक विचार से बढ़ के ताकतवर दुनिया में कुछु नइखे। मन में जब जइसन विचार चलेला, देह आ चेहरा के हाव-भाव ओइसने हो जाला। विचार में सुख के दुःख आ दुःख के सुख में बदले के ताकत बा। महत्वपूर्ण ई बा कि हम कवनो घटना के कइसे देखत बानी। देखे के ताकत आँख […]
चिरई का जालवा में फँसल बहेलिया गोहार करेला

लेखक – मनोज भावुक जन्मतिथि – 1 अक्टूबर 1919 पुण्यतिथि – 24 मई 2000 गीतकार मजरुह सुल्तानपुरी प पोथी प पोथी लिखाइल बा। हिंदी सिनेमा में एक से बढ़ के एक गीत देले बाड़न उ। ओह पर बहुत कुछ नइखे कहे के। एह छोट आलेख में कहाइयो नइखे सकत। अँटबे ना करी। आँटे के त […]
राउर पाती

आचार्य महेन्द्र शास्त्री संपादित पहिलका भोजपुरी पत्रिका ‘भोजपुरी‘ के याद दियावत बा ई अंक भावुक जी, कोरोना के त्रासद काल में अपनहीं कोरोना से जुझार करके उबरते रउरा ‘ भोजपुरी जंक्शन ‘ के 01 मई से 15 मई वाला अंक निकालिये देहनी। ई रउरा संकल्प आ निष्ठा के परिचय देत बा। ई अंक देख […]
मनोज भावुक के लिखल प्रेम कथा कहानी के प्लॉट

ज्योत्स्ना प्रसाद ‘कहानी के प्लॉट’ भोजपुरी-हिन्दी के नया दौर के सुप्रसिद्ध रचनाकार मनोज भावुक के लिखल एक प्रेम-कथा ह l ई कहानी बाबरी मस्जिद के ध्वस्त भइला से उत्पन्न धार्मिक उन्माद के बीच पनपल हिन्दू लइका आ मुस्लिम लइकी के बीच के प्रेम-कथा ह l जवना में पारिवारिक परिवेश आ समय के तकाजा के कारण […]
कहल-सुनल माफ़ करिहा

डॉ. सुमन सिंह बंगड़ परेसान हो-हो खटपटिया गुरु के मकान क चक्कर काटत रहलन। कब्बो गेट के लग्गे जाके भित्तर झाँके क कोसिस करें कब्बो खिड़की के बंद पल्ला पर कान रोपें बाकिर कवनों आवाज़-आहट ना। दू तल्ला क बड़-बरियार मकान अइसन सून-सपाट रहे कि लगे बरिसन क उजाड़ ओम्मे वास ले लिहले ह। […]
भारत से आपन दुकान समेटत विदेशी बैंक

आर.के. सिन्हा प्रमुख अमेरिकी बैंक सिटी बैंक के भारत में आपन कारोबार समेटे के फैसला कुछ गंभीर सवाल खड़ा कर रहल बा। आखिरकार काहे विदेशी बैंकन के भारत में पैर उखड़ रहल बाटे? इनका खातिर भारत काहे कठिन स्थान साबित हो रहल बा कारोबार करे के लिहाज से? सिटी बैंक के कहनाम बा कि […]
कोचिंग से बेसी ‘ सोचिंग ‘ के जरुरत बा

संपादक- मनोज भावुक टीवी पर रात-दिन एगो ऐड आवsता, जे, मैंने अपने बच्चे को कोचिंग से निकालकर सोचिंग में डाल दिया है। खैर, ओह ऐड के संदर्भ दोसर बा बाकिर व्यापक फलक पर देखला पर ई बहुत कुछ सोचे-समझे खातिर मजबूर कs रहल बा। एह कोरोने काल के देख लीहीं। लोग अपना राजनीतिक पार्टी, सम्प्रदाय, […]
राउर पाती

भोजपुरी जंक्शन पत्रिका साहित्य नभ के ऊंचाई के छू रहल बा सम्पादक महोदय, भोजपुरी जंक्शन के देखलीं आ पढ़लीं बहुते प्रसन्नता भइल। स्तरीय रचनन के एगो अनुपम जंक्शन के रूप में ई अंक बाटे। रचनन आ सम्पादन के दृष्टि से ई पत्रिका साहित्य नभ के ऊंचाई के छू रहल बा। कवर फोटो अपने आप में […]