ए हो रामा…

संपादक- मनोज भावुक फगुआ  के बाद चइता अंक परोस रहल बानी। फगुआ अगर अंत हऽ त चइता शुरूआत। अंत आ शुरुआत के अद्भूत तालमेल ह फगुआ-चइता। एही संगम पऽ हमनी के नया साल के उद्गम बा। रउरा सभे के नया साल के शुभकामना। नया साल के अइसन जश्न त दुनिया में कहीं मनावले ना जाला। […]

राउर पाती

सामूहिकता के बोध करावेला ‘हम’ ‘हम भोजपुरिआ’ के दमगर शुरुआत से मन बड़ा अगरा रहल बा। एह पत्रिका में सामग्री जुटावे से ले के सजावे-संवारे में रउरा अपना स्किल के भरपूर आ सफल प्रयोग कइले बानी। ई देखते बनत बा। पहिलके अंक महात्मा गांधी पऽ केन्द्रित कऽ के अतना सामग्री रउरा एकट्ठा कऽ देले बानी […]

प्रायोजित बा नागरिकता संशोधन अधिनियम पऽ विरोध

लेखक: आर. के. सिन्हा नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) जब से संसद के दूनू सदन से पारित भइल बा, बस विरोधे विरोध देखे के मिल रहल बा। एकरा में कवनो शक नइखे कि सीएए के खिलाफ चल रहल सभ प्रदर्शन सिर्फ आ सिर्फ राजनीतिक साजिश से प्रेरित बा। अल्पसंख्यकन से एकदम दूर हो चुकल कांग्रेस शाहीन […]

सदा आनंद रहे एही द्वारे !

संपादक- मनोज भावुक का कहीं !  हैप्पी होली कहत तऽ बानी बाकिर कुछुओ हैप्पी लागत नइखे। मन के बगइचा में कोयल कुहूकत तऽ बिया बाकिर आम मोजरात नइखे। सदा आनंद रहे एही द्वारे के भावना अबहियों उफान पऽ बा, बाकिर सच्चाई तऽ कुछ अउरिये लउकता। आखिर के आ काहे हमनी के फगुनी बयार में माहुर […]

राउर पाती

वसंत पऽ शानदार अंक ‘हम भोजपुरिआ’ के वसंत अंक देखनी। पहिले हमरा एकर पता ना रहे। एगो दोस्त हमरा के बतवलस एह ई-पत्रिका के बारे में। भोजपुरी खातिर ई एगो अच्छा शुरुआत बा। वसंत प एतना बढि़या अंक पढ़े के मिलल। एकर सम्पादकीय पढ़नी, एह में मनोज भावुक जी के प्रेम पर लाइन बहुत प्रासंगिक […]