कोरोना के हाहाकार तबो अल्लू अर्जुन के पुष्पा के शानदार कारोबार

मनोज भावुक तेलुगु फिल्म पुष्पा पूरा उत्तर भारत के अलावा बिहार में कमाई के रिकॉर्ड बनवले बा। अब पुष्पा अमेजन प्राइम पर रिलीज हो गइल बा। बाकिर ओकरा बादो उ स्क्रीन पर करोड़ में कमाई कर रहल बा। एकरे के कहल जाला हीरो के स्टार पावर आ कहानी के जादू। ओकर खाली पांचवा सप्ताह में […]

साउथ स्टार धनुष आ ऐश्वर्या रजनीकान्त के तलाक जइसन अउरो कई गो बा दर्दनाक कहानी

मनोज भावुक फिल्मी दुनिया में कुछ भी स्थायी नइखे, जइसे उ दुनिया कागज के बगइचा बा, ओसहीं उहाँ रहे वाला लोग भी कागज के फूल बा। जे में सुगंध से लेके सुंदरता तक सब नकली बा। जब कई कई साल पुरान रिश्ता के टूटल आदमी देखेला त दिल मसोस के रहि जाला। मन में टीस […]

भगवान छपरफार

प्रकाश उदय ॥ सुनला प लागे कि सुनत जवन बानीं तवन केहू से कहियो कुछ सुनले कहीँ बानीं त अहोभाग, लागे कि सुनले जवन बानीं तवन एहू से सुनिए के मानीं, अबकियो, एजुगियो, त अहोअहोभाग… ॥ बादशाहूदीन बादशा के बादशाही में जहाँ कहऽ तहाँ, जतना कहऽ ततना, अमन कहऽ अमन, चैन कहऽ चैन। बादशाहूदीन बादशा […]

आदि शंकराचार्य के अमर योगदान

विनय बिहारी सिंह एमे कौनो दू राय नइखे कि आदि शंकराचार्य सनातन धर्म के एने-ओने छिंटाइल विचारधारा के एकीकरण क दिहले। उनकर जनम केरल के मालाबार इलाका के कालड़ी गांव में नंबूदरी ब्राह्मण परिवार में भइल रहे। पिता- शिवगुरु आ माता- आर्याम्बा परम ईश्वरभक्त रहे लोग। शंकराचार्य के जन्म सातवीं शताब्दी के मानल जाला। बाकिर […]

भाषा-साहित्य-संस्कृति के मोती: मोती बीए

भगवती प्रसाद द्विवेदी  नब्बे-पार मोती बीए लमहर बेमारी से जूझत आखिरकार 18 जनवरी, 2009 के सदेह एह लोक से मुकुती पा लेले रहनीं। किशोरे उमिर (1934) से संग-साथ देबे वाली जीवन संगिनी लछिमी सरूपा लक्ष्मी देवी पहिलहीं 1987 में साथ छोड़ि देले रहली। बांचि गइल रहे उन्हुका इयाद में बनावल ‘लक्ष्मी निवास’, जहंवां हिन्दी, भोजपुरी, […]

डुमराँव के साहित्यिक सपूत शैदाजी

मार्कन्डेय शारदेय   विश्वनाथ प्रसाद ‘शैदा’  एगो अइसन नाँव जे आपन व्यक्तित्व आ कृतित्व से अपने ना, अपना साथे आपन जिला-जवार, प्रदेश आ भोजपुरियो के एगो अलगे पहचान देलस। उनुकर कारयित्री प्रतिभा शैक्षणिक प्रमाणपत्रन के ऊँचाइयन के दरकिनार कइके आ सम्पन्नता के बड़-बड़ इमारतन के नजरअंदाज करत ‘स्वदेशे पूज्यते राजा विद्वान् सर्वत्र पूज्यते’ एह सूक्ति के चरितार्थ कइलस। उनुका […]

अविनाश चंद्र विद्यार्थी जी के भोजपुरी साहित्य साधना

प्रो. (डॉ.) जयकान्त सिंह  ‘जय‘ आज जब एक-एक करके भोजपुरी सेवी साहित्य सर्जक पूरखन के इयाद कर रहल बानी तब ओह लरी के सबसे अनमोल कड़ी के रूप में ‘ विद्यार्थी जी ‘ के इयाद बरबस आ जाता। विद्यार्थी जी मतलब अविनाश चंद्र विद्यार्थी। सन् उनइस सौ सत्तासी-अठासी के आसपास भोजपुरी के सिद्ध गजलकार जगन्नाथ […]

बुझ गइल वाग्देवी के एगो वरद लौ

आर.के. सिन्हा लता मंगेशकर के शरीर पूरा हो गइल। सरस्वती पूजा के अगिला दिन विदा होत लता मंगेशकर के देख के लागल जइसे मां सरस्वती अबकी बार अपना सबसे प्रिय पुत्री के ले जाये हीं स्वयं आइल रहली। लता मंगेशकर के हमनीं के बीच ना रहला के मतलब बा कि वाग्देवी के एगो वरद लौ […]

दुनिया में युद्ध ना बुद्ध के दरकार बा

अगर अन्हरिया से अँजोरिया के तरफ बढ़े के बा त आपन धरती आ आकाश बढ़ावे के पड़ी। आपन सुरुज खुद उगावे के पड़ी। तबे भीतर अँजोर होई। राउर आपन औरा (आभा) बनी। मन खुश रही। जीवन मजबूती से जीयब आ बोध के क्षमता बढ़ी। हम बुद्धि के बात नइखीं करत, बोध के बात करत बानी। […]

राउर पाती

सामग्री संकलनीय बा ‘भोजपुरी जंक्शन’ पत्रिका बहुत अच्छा निकल रहल बिआ। आरोही जी पर संस्मरण बहुत विस्तृत आ सटीक लागल। भोजपुरी साहित्यकारन के बारे में लिखल सामग्री संकलनीय बा। संपादक दल के बहुत-बहुत बधाई । अंकुश्री, पटना सकारात्मक संपादन आ समाज-उन्मुख पत्रकारिता के ई निकहा उदाहरन बा एह संपादकीय के कथ्य समस्या गिनावत खलसा हाहाकारी […]