यशेन्द्र प्रसाद भगवान् बुद्ध कहले – “तथागत सिखावेले कि हर युद्ध, जेकरा में एक मानुस दोसरा मानुस के बध करेला, शोचनीय ह। लेकिन तथागत ई कबो ना सिखावेले के शांति बनावल रखे के हरसंभव परयास जब बिफल हो जाओ त न्यायसंत युद्ध करे वाला के निंदा होखो। जे युद्ध के कारण पैदा करेला ऊ अवश्य दोषी होला।” (17) ” तथागत स्वार्थ के पूर्ण समर्पण करे के अवश्य सिखावेले। लेकिन तथागत गलत शक्ति के सामने कवनो चीज के समर्पण करे के शिक्षा ना देले, चाहे ऊ शक्ति मानुस हो, देवता हो भा प्राकृतिक तत्त्व होखो। संघर्ष त रही, काहे कि समूचा जीवने कवनो ना कवनो तरह के संघर्षे ह, लेकिन संघर्ष करे वाला कहीं ऊ सत्य आ सदाचार के खिलाफ त स्वार्थ के संघर्ष नइखे करत !” (18) “हे सिंह!जे युद्ध में न्यायसंगत उद्देश्य खातिर जाता ओकरा शत्रुअन के बध करे खातिर तैयार रहे के चाहीं। काहे कि योद्धा लोगन के इहे नियति ह, आ अगर ओकर नियति ओकरा के धर लेले बा तब शिकायत करे के कवनो कारणे नइखे।” (22) “जे न्याय अउर सदाचार के पक्ष में बाटे ऊ कबो असफल ना होला, बलुक आपन उद्यम में सफल होला आ ऊ सफलता टिकाऊ भी होला।” (28) ” हे सेनापति ! ई सब समझ के तू युद्ध करs, आपन युद्ध शूरता से लड़s, लेकिन सत्य के योद्धा बन के ! तबे तथागत तहरा के असिरवाद दीहें !” (30) ( ‘धम्मपद‘ से ) xxxxxxxxxxxxxxxxxx यूक्रेन युद्ध के एक से एक…
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May 2, 2022
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ज्योत्स्ना प्रसाद हमनी के पीढ़ियन से ई बात सुनत चलल आवतानी सन कि कवनों भी बड़ लड़ाई के मूल में- ज़र,जोरू आ…
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बद्रीनाथ वर्मा यूक्रेन पर धुआंधार मिसाइल बरसा के रूस के लागल कि बस दु चार दिन में यूक्रेन घुटना के बल आ…
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अनुरंजन झा रूस आ यूक्रेन के बीच के युद्ध तीसरा हफ्ता में आ गइल बा लेकिन का मजाल कि दूनू देश में…
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डॉ० रंजन विकास युद्ध कवनो नया चीज नइखे। जब से एह धरती प सृष्टि भइल, तबे से युद्ध चलल आ रहल बा।…