सुरक्षा तंत्र के जान आ हिंदुस्तान के शान बा SIS … अउर बहुत दूरदर्शी बानी एकर संस्थापक पूर्व राज्य सभा सांसद श्री आर. के. सिन्हा…पूरा टीम के बधाई article credit:- India Today

ई जिनिगिया के बा अलगे एगो खेला (उदय नारायण सिंह)

आलेख उदय नारायण सिंह बेटी-तिस्ता उर्फ अनुभूति के संगे हम मंच पर प्रदर्शन करत रहीं। ऊ आपन जीउ-जान लगा के मंच पर ‘कुंवर सिंह’ के गाथा गावस आ हम उनकरा संगे-संगे गाईं। सब कुछ सुंदर रहे बाकिर अचानक- “कवन ठगवा नगरिया लुटल रे”- हमार सब कुछ लुटा गइल। हम सारा उतजोग कर के भी “तिस्ता” […]
चित्त त जिनगी, पट त मौत (अजय कुमार पांडेय)

संस्मरण अजय कुमार पांडेय माई होईत तब नु कुछ बोलित। ऊ त चल देले रहे आपन अंतिम जातरा पर। छन भर पहिले जे हमनी के बतकही में हुँकारी भरत रहे, उ सदा खातिर मौन हो गइल। केतना बारीक आ पलक झपकाई भर के दूरी बा जिनगी आ मौत में। पानी के बुलबुला ह जिनगी। […]
जनम-मरन के लोक-विज्ञान

आलेख डॉ. शंकर मुनि राय ‘ गड़बड़ ‘ मेहरारू के कलपल सून के पुजारी जी के आँख खुलल आ ऊ इशारा से ओह मेहरारू के अपना भिरी बोलाके कहलन कि खीसा है कि जबले साँस, तब ले आस, निरास होखेके जरुरत नइखे, अबे कुछ नइखे बिगड़ल तोहार, तोहरो गोद भरा जाई. प्रभु कृपा…! अतना सुनके […]
ज्योतिष आ जीव के उत्पत्ति

आलेख डॉ धनंजय दुबे जीयल-मूअल हाथ में नइखे बाकिर ओकरा के ठीक से समझला प कुछ दुख-दर्द कम हो जाई। त आईं, जन्म-मृत्यु के संदर्भ में सबसे पहिले ई जानल जाव कि जीव के उत्पत्ति कइसे होला। संसार में चार प्रकार के जीव के व्याख्या कइल गइल बा- अंडज, पिंडज, उसमज आ स्थावर। अंडज […]
जन्म मृत्यु के बात

आलेख रजनी रंजन जन्म आ मृत्यु जीवन के आरंभ और अंत के संकेतक ह आ चाहे ई भी कहल जा सकता कि ईश्वर के सिरिजन के पहिलका प्रतिफल ह। पुरुष आ प्रकृति ई दुनों चेतन तत्व के रूप में आइल। एही आवाजाही के जन्म आ मृत्यु नाम पड़ल। चित्त मन के ही एगो अंग होला जवना में […]
कुछ पिछलो जनम के पुण्य-पाप होला

आलेख श्रीधर दुबे भारतीय परम्परा में जन्म-जन्मांतर पर खूब बात भइल बा। इहवाँ आत्मा के सम्बंध खाली एहि देहिए ले नाही मानल जाला। गीता में कृष्ण भगवान कहले भी बाने कि जइसे मनई पुरान कपडा के छोडी के नया कपडा धारण करेला ठीक वोही तरे आत्मा भी शरीर के जीर्ण-शीर्ण हो गइले पर नया शरीर […]
कर्म आ ईश्वर पर भरोसा रखीं

आलेख संजय कुमार पाण्डेय ‘ सिद्धांत ’ सभे के आपन-आपन कर्म के फल जरूर मिलेला, जेकरा कारण प्रत्येक जीव वनस्पति, पशु या मानव रूप में असंख्य जन्म से गुजरेला। एह कर्म फल के तुलना हमनी के बैंक से कर सकिला, काहे कि जब तक बैंक के हिसाब-किताब के निपटान पूरा ना होखे, तब तक कोई […]
स्मृतिशेष मजदूर नेता रामदेव सिंह

लेखक: मनोज भावुक जन्मतिथि- 8 अक्टूबर 1935 पुण्यतिथि- 14 अप्रैल 2022 बाबूजी ना रहलें। ना रहलें हिंडाल्को के मजदूर नेता रामदेव बाबू। 14 अप्रैल 2022 के 87 बरिस के उमिर में उनकर निधन हो गइल। एक झटका में चल गइलें। भोरे उठ के पार्क में टहललें, सोसाइटी के गार्ड सब से रोज […]
काश! ईयारी के किरिया धरइतीं आ जंग रोकवइतीं

महेन्द्र प्रसाद सिंह युद्ध कहीं होखे, विनाशकारी होला। अक्सर ओकर परिणाम दिल के दहला देबे वाला होला। बाकि कामना से उपजल क्रोध का सोझा ना लउके उजड़ल गांव शहर, बिलखत बाल-गोपाल, असहाय लोग, ना तड़पत मानवता। पुतिन के खीस से शुरू भइल रूस आ यूक्रेन के बीच युद्ध अइसने बा। एह युद्ध के समाचार हमरा […]