श्रद्धाँजलि- कवि अश्विनी कुमार ‘आँसू ‘

‘ टोअलो में टिसेला छिँउकिया के साटी राम ‘ जइसन गीतन के रचनाकार चंपारन के रहे वाला कवि अश्विनी कुमार ‘आँसू ‘ के 29  मई के निधन हो गइल। उहाँ के बिहार विश्वविद्यालय में भोजपुरी पाठक्रम लागू भइला पर पद्य आ गद्य संग्रह के संपादन में भरपूर सहयोग कइले रहीं। मंच अउर पत्रिका दुनों के […]

सेसर सृजनशील कर्मयोगीः जगन्नाथ

 लेखक : भगवती प्रसाद द्विवेदी भोजपुरी के गालिब के रूप में लोकप्रिय जगन्नाथ जी 19 जनवरी 2020 के छियासी बरिस के उमिर पूरा क के सतासीवां साल में डेग बढ़वलें रहनीं। उहां के व्यक्तित्व-कृतित्व पर जब ‘परास‘ ( संपादकः डॉ. आसिफ रोहतासवी ) के ताजा अंक हमरा अतिथि संपादन में छपि के आइल, त फगुआ का पहिले उहां के अंक देखत दिल से हुलसल रहनीं, फेरू दार्शनिक […]

राहुल सांकृत्यायनः भोजपुरी साहित्य के गौरव

लेखक : प्रो. राजगृह सिंह बिहार के एकमा-मांझी के धरती ढेर उर्वर आ ऐतिहासिक हऽ। संत-शिरोमणि धरनी दास के जन्मभूमि मांझी के इतिहास बहुते पुरान बा। इहां गढ़ के खोदाई में जवनपुरान सामान मिलल बा, उ प्रमाणित करता कि ई गढ़ बुद्धकाल से भी पहिले के हऽ। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के पुरातत्त्व विभाग तऽ इहां […]

सावधान, ड्रैगन दगाबाज !

संपादक : मनोज भावुक चाहे करगिल होखे भा कोरोना भोजपुरी समाज हमेशा ललकारत रहल बा। एह से केहू एह भरम में मत रहो कि भोजपुरी खाली एगो मीठ भाषा ह। अरे मीठ ओकरा खातिर ह जे विनम्रता से, सभ्यता से, प्रेम से मिले आ व्यवहार करे ना त ई अगिया बैताल भाषा ह। विरोध, प्रतिरोध […]

चीन के टेंटुआ दबावे के सही वक्त

  लेखक : आर. के. सिन्हा दुनिया भर के कोविड-19 जइसन भयानक संक्रमण देवेवाला चीन तनिको बाज नइखे आवत। उ अब भारत से टकराये के मूड में लागत बा। ओकर सेना लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एल ए सी) पर पैंगोंगतसो (झील) अउर गालवन घाटी में आपन सैनिक के संख्या अउर गतिविधि बढ़ा देले बा। […]

श्रद्धांजलि : स्मृतिशेष अनिल अजिताभ

लेखक-निर्देशक अनिल अजिताभ के 4 मई के पटना में निधन हो गइल। चित्त बहुत अशांत बा। अभी जाये के उमर त ना रहल ह। भोजपुरी सिनेमा के एगो अइसन निर्देशक जेकरा पर नाज़ रहल ह,  जेकरा से बहुत उम्मीद रहल ह, ओकर असमय गइल झकझोर देलस। जे भोजपुरी में बाहुबली आ रणभूमि जइसन फ़िल्म के […]

रेड, ऑरेंज आ ग्रीन जोन वाला आदमी

संपादक- मनोज भावुक ” लॉकडाउन समस्या नइखे। समस्या त भूख बा। ”  मदर्स डे पर बाते बात में ई बतिया समझा देलस माई। विश्व के तमाम माई के मने मन प्रणाम करत हम लॉकडाउन अउर भूख के बारे में सोचे लगनी। सोचे लगनी, पूर्वांचल के माई-दादी आ चाची-भउजी का बारे में जे पूरा जिनगी लॉकडाउन […]

मौत के दौर में सोनिया के सियासत

आर.के. सिन्हा   अफसोस कि जब देश के कोरोना वायरस संक्रमण आ एह से पैदा भइल समस्यन से एक साथ मिलके लड़े के चाहीं, तब भी अपना देश में ओछा राजनीति हो रहल बा। लागsता कि मौत आ लाश के खबर देखियो सुनके कुछ नेता लोग में मनुष्यता नइखे जागत। उनका त बस सस्ता सियासत […]

राउर पाती

संग्रहणीय अंक बा सबसे पहिले त हम ” हम भोजपुरिआ ”के संपादक अउर पूरा टीम के खचोला भर बधाई देब कि अब तक ले छव गो अंक निकलल आ उ छवो अंक भोजपुरिआ रंग राग आ साहित्य से भरल अनुभव के चासनी मे बुड़ल संग्रहणीय अंक बावे। हर अंक के साथे एगो नया ऊंचाई छुवत, […]

कोरोना के ओह पार …

संपादक – मनोज भावुक बबुआ रे, ई देश-विदेश काहे बनल ?…काहे बन्हाइल बाँध सरहद के ?…दुनिया के ऊपर एके गो छत -आसमान आ एके गो जमीन-धरती। के कइलस टुकड़ा-टुकड़ा?…झगड़ा के गाछ के लगावल?  के बनावल नफ़रत के किला ?… का दो, धरती माई हई। माईयो टुकी-टुकी ??? एह टुकी-टुकी में हीं सारा समस्या के जड़ […]