राउर पाती

गजब के अंक बा जी ! कमहीं में ढेर, तनिके में भरपूर गजब के अंक बा जी ! कमहीं में ढेर। तनिके में भरपूर। अबगे डाउनलोड कइनीं हँ। सबले पहिले नजर परल हा सम्पादकीय प। जवना के कथ्य के मूल एह पंक्तियन में बा। ’’प्रेमे इलाज बा नफरत के। प्रेमे इलाज बा तनाव के। दिमाग […]
पास बोलावे गाँव रे आपन

मनोज भावुक जिनगी के दुपहरिया खोजे जब-जब शीतल छाँव रे पास बोलावे गाँव रे आपन, पास बोलावे गाँव रे। गाँव के माटी, माई जइसन खींचे अपना ओरिया हर रस्ता, चौराहा खींचे खींचे खेत-बधरिया गाँव के बात निराला बाटे, नेह झरे हर ठांव रे। पास बोलावे गाँव रे आपन.. भोर इहाँ के सोना लागे हीरा दिन-दुपहरिया […]
बॉलीवुड में नाम कमात बाड़े छोट शहर के बंटी दुबे

लेखिका: सुरभि सिन्हा बंटी दुबे सिनेमा जगत के एगो अइसन नाम, जे झारखण्ड के एगो छोट जिला से निकलके बॉलीवुड तक के सफर तय कइलन अउर आपन पहचान बनवलन। बंटी दुबे आज कवनो पहचान के मोहताज नइखन। ई आपन लगन आ मेहनत से साबित कर दिहलन कि अगर इंसान कुछ करे के ठान लेव त […]
हिन्दी के कहानी आ उपन्यास पर बनल बा कई गो हिन्दी फिल्म

लेखक: मनोज भावुक हर साल 14 सितंबर के हमनी के मातृभाषा हिन्दी के सम्मान में हिन्दी दिवस मनावेनी जा। हिन्दी एगो सेतु भाषा भी ह, दू अलग अलग लोक भाषा के बोलनिहार के बीच संवाद खातिर। हालांकि हिन्दी के एह उपयोगिता पर बार बार विदेशी भाषा अंग्रेजी के प्रहार होत रहल बा लेकिन तबो हिन्दी […]
ईंटा क जबाब पत्थर

शशि प्रेमदेव एही धरती का कवनो कोना में एगो देस रहे। ओह् देस में एगो नगर रहे — तमाम छोट-बड़ मकान-दोकान से भरल-पूरल। आ ओही मकानन-दोकानन का बीच से बहत रहे एगो उदास नदी। कुछ आबादी नदी के एह् पार। कुछ ओह पार। नगर का ओह पार वाला हिस्सा में एगो परम पावन इमारत रहे। […]
भोजपुरी मातृभासाई अस्मिता के खोज

प्रो. (डॉ.) जयकान्त सिंह ‘जय‘ ‘ भाषा ‘ के ‘ भासा ‘ लिखल देख के बिदकी जन। भोजपुरी के उचारन के दिसाईं इहे सही बा। भोजपुरी में भाषा के भासा बोलल आ लिखल जाला। काहे कि ई बैदिक परम्परा से आइल देसी प्राकृत भासा ह। प्राकृत मतलब बोले भा उचारे के प्रकृति आ प्रवृत्ति के […]
स्व. शैलजा कुमारी श्रीवास्तव – एक परिचय

ज्योत्स्ना प्रसाद जन्मतिथि- 19 अक्टूबर 1927 पुण्यतिथि- 31 दिसम्बर 1989 ‘अपि स्वर्णमयी लङ्का न में लक्ष्मण रोचते । जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी । । ’ ई कथन मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीरामचन्द्र जी के ह। एह कथन से ही ई बात प्रमाणित हो जाता कि सनातन धर्म आ भारतीय परम्परा में माता के केतना ऊँचा स्थान बा? […]
दिवंगत भोजपुरी सेवी ( भाग – 11 )

डॉ. ब्रजभूषण मिश्र ” भोजपुरी साहित्य के गौरव ” स्तम्भ में दिवंगत साहित्य सेवियन के संक्षिप्त परिचय के सिलसिला पीछला कई अंकन से जारी बा। अब तक निम्नलिखित 93 गो दिवंगत साहित्यकारन के संक्षिप्त परिचय रउरा पढ़ चुकल बानी। ओह 93 गो साहित्यकार लोगन के लिस्ट पढ़ीं आ फेर आगे बढ़ीं। – संपादक अंक 11 […]
शरण देवे से कन्नी काटत इस्लामिक देश

आर.के. सिन्हा अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जा के बाद भयंकर हाहाकार मचल बा। उहाँ सरेआम कत्लेआम चालू बा। नतीजा, ज्यादातर स्थानीय अफगानी नागरिक भी कहीं अउर जाके बसे के चाह रहल बा। उनका अफगानिस्तान में अब अपना बीबी बच्चन के साथे एक मिनट भी रहल सही नइखे लागत। अफगानिस्तान से बहुत सारा हिन्दू-सिख समुदाय के […]
मन के रिचार्ज करीं

अक्टूबर-नवंबर के फेस्टिवल मन्थ यानी कि पूजा-पाठ के महीना कहल जाला। नवरात्र-दशहरा से दिवाली-छठ ले पूजे-पूजा। अनुष्ठाने-अनुष्ठान। एगो आध्यात्मिक माहौल। सवाल ई बा कि ई सब खाली पूजा के रस्म-अदायगी भर बा आ कि लोग बाग पर एकर असरो बा ? कवनो दिया में कतनो तेल होखे, कतनो घीव होखे, उ बुताइल बा त ओकर […]