राउर पाती

भोजपुरी के आन-बान-शान ह “हम भोजपुरिआ” पत्रिका हम “हम भोजपुरिआ” के नियमित पाठक हईं। हमरा एमे भोजपुरी माटी के भरपूर सोन्हाई मिलेला। ई जीवन के हर क्षेत्र के अपना में समेट के चलेला। ई बेशक एगो सम्पूर्ण पत्रिका के भूमिका निभा रहल बा। भोजपुरी साहित्य के विकास खातिर त ई पूर्ण समर्पित बा। पिछला सम्पादकीय […]
चिठ्ठियो भइल राममय

सेवा में, संपादक, ‘हम भोजपुरिआ’ नई दिल्ली महाशय, राउर चितचोरिनी ई-मेल पत्रिका ‘हम भोजपुरिआ अपने देह-आत्मा के सौंदर्य-प्रभाव से अर्थात् अपने जादूई कलेवर आ ओकरे भीतर मौजूद विद्वान कवि-लेखकजन के खोजपरक चिंतन-मनन आ ग्यान-बिग्यान से भरल-पूरल निबंध-आलेख, गीत-कविता आदि के सुघराई के दिव्य […]
राउर पाती

हम भोजपुरिआ बहुचर्चित साप्ताहिक ‘ धर्मयुग ‘ जइसन एगो संपूर्ण पत्रिका बा सेवा में संपादक, हम भोजपुरिआ प्रणाम।‘ हम भोजपुरिआ ‘ के प्रकाशन के समय से ही हम एह पत्रिका के साथे भावनात्मक रूप से जुड़ल बानी आ अब तकले जतना अंक प्रकाशित भइल बाड़न स, सभन के देखले बानी। ओइसे त हम ओह सभनी […]
राउर पाती

इहो अंक बहुते दमदार आ असरदार बा ‘हम भोजपुरिआ’ के टटका अंक मिलल। हर अंक की तरे इहो अंक बहुते दमदार आ असरदार बा। अपने माटी के मदिर गंध आ प्रासंगिकता के चटक रंग से सरोबार हर कलम के धार आ तेवर बेजोड़ बा। संपादकीय ‘जिंदगी जंग ह,बोझ ना’ निराशा आ हताशा के अन्हार में […]
राउर पाती

छिपल साहित्यकारन के खोज ई सुखद बा कि ‘हम भोजपुरिआ’ ढेर छिपल साहित्यकारन के सामने ले आ रहल बिया। एकरा से उत्साहित होके अउर नया रचनाकार भोजपुरी का सेवा में लगिहें। बधाई। राम रक्षा मिश्र विमल, नॉर्थ 24 परगना, बंगाल बहुत दमदार अंक बा बहुत दमदार बा इहो विशेषांक। भोजपुरी साहित्य के गौरव वाला स्तंभ […]
राउर पाती

रेघरिआवे जोग बेजोड़ अंक बा ‘हम भोजपुरिआ’ के विशेषांकन के सिलसिला में इहो एगो रेघरिआवे जोग बेजोड़ अंक बा, जवना के हर पन्ना पर राउर संपादकीय दम-खम आ मेहनत ऐनक लेखा झलकत बा। दिल से मुबारकबाद! भगवती प्रसाद द्विवेदी, वरिष्ठ साहित्यकार, पटना ——————————- अपनी माटी की खुशबू से सराबोर पत्रिका भोजपुरी साहित्य की दुनिया में […]
राउर पाती

संग्रहणीय अंक बा सबसे पहिले त हम ” हम भोजपुरिआ ”के संपादक अउर पूरा टीम के खचोला भर बधाई देब कि अब तक ले छव गो अंक निकलल आ उ छवो अंक भोजपुरिआ रंग राग आ साहित्य से भरल अनुभव के चासनी मे बुड़ल संग्रहणीय अंक बावे। हर अंक के साथे एगो नया ऊंचाई छुवत, […]
पाती

बहुते मनगर अंक सोझा आइल बा राम भारत के लोक, लोक के मरम आ लोक के धरम के पहिचान हवे। लोक के मनोबिग्यान प जइसन पकड़ राम के बा ओइसन करेड़ पकड़ आउर कवनो महापुरुख के नइखे बनल। भोजपुरिआ समाज में राम के सगुन रूप प निरगुन रूप आ भाव के ढेर भारी जोर रहल […]
राउर पाती

अइसन समुहतांके ना देखनी : वैचारिक संपदा से लबरेज ‘हम भोजपुरिआ‘ मान्यवर, रोज-रोज के प्रणाम। पाक्षिक ई-पत्रिका ‘हम भोजपुरिआ’ के समहुतांक के संपादकीय बढ़िया लागल। आजु के दौर में अइसे त भोजपुरी भाषा के बहुत पत्रिका निकल रहल बाड़ी स। आ ओकरा माध्यम से नीमन-नीमन कामो हो रहल बा। बाकिर दुख एह बात के बा […]
राउर पाती

सामूहिकता के बोध करावेला ‘हम’ ‘हम भोजपुरिआ’ के दमगर शुरुआत से मन बड़ा अगरा रहल बा। एह पत्रिका में सामग्री जुटावे से ले के सजावे-संवारे में रउरा अपना स्किल के भरपूर आ सफल प्रयोग कइले बानी। ई देखते बनत बा। पहिलके अंक महात्मा गांधी पऽ केन्द्रित कऽ के अतना सामग्री रउरा एकट्ठा कऽ देले बानी […]