हम का करब कह के?

विष्णुदेव तिवारी हम का करब कह के के मानीं?   के कही कि हमरो एगो कहानी बा!   राम अस ना त रावणो अस ना कन्हइया अस ना त कंसो अस ना।   अजातशत्रु,चन्द्रगुप्त, हर्षवर्द्धन भा पल्लवराज महेन्द्रवर्मन- केहू के छिटिको भर नइखे हमार जिनिगी के सात पुश्त हम जानत बानीं।   गाँधी, सुबास, भगत, […]

का कहीं ए हरिचरना के माई

सुरेश कांटक का कहीं ए हरिचरना के माई जिनगी बेहाल भइल होत ना कमाई चारो ओरी ताकतानी केहू ना सहाई कइसे के बाल बाचा जिनगी बचाईं   सगरो बाजार बंद कइसे का बेचाई बंद इसकूल बाटे होखे ना पढ़ाई करजो भेटात नइखे आवेला रोआई सँझिया सबेर कइसे चुल्हवा जोराई का कहीं ए हरिचरना के माई […]

अविश्वास मन के सपना के

डॉ. दीप्ति श्रद्धा, शक्ति सम्मान के प्रतीक नारी लांछन, शोषण अपमान के प्रतीक नारी। मूरत बनाके थोप दीं मंदिर में चढाईं फूल, अच्छत् आ गाईं- तू हीं हऊ लछिमी, मेधा, प्रतिभा, बुद्धि, सरस्वती, आदिशक्ति भवानी।   मन में जब आ जाये सड़क पर खींच के आंचर आ साड़ी फाड़ दीं- धनका दीं एकरा के काहे […]

फिरंगिया गीत

मनोरंजन प्रसाद सिन्हा सुन्दर सुघर भूमि भारत के रहे रामा, आज इहे भइल मसान रे फिरंगिया अन्न धन जल बल बुद्धि सब नास भइल कौनों के ना रहल निसान रे फिरंगिया   जहॅवाँ थोड़े ही दिन पहिले ही होत रहे, लाखों मन गल्ला और धान रे फिरंगिया उहें आज हाय रामा मथवा पर हाथ धरि, […]

ई भारत देश महान हवे

आकाश महेशपुरी युग युग से भारत के महिमा गावत ई सकल जहान हवे ई भारत देश महान हवे   पूरा भारत घर आपन हऽ घर में सबके आराम मिले एही घरवा में मिले हवा भोजन पानी अविराम मिले बा जनम मिलल ये धरती पर ई धरती सबकर जान हवे- ई भारत देश महान हवे   […]

हमरा देशवा के वीर जवान

रजनी रंजन   दे दिहले देशवा पर जान, हमरा देशवा के वीर महान मनवा में देश प्रेम अँखिया में रोष भरी,चली दिहले सीना के तान हो हमरा देशवा के वीर जवान   उ का जानें ओहीपार लोगवा, कब से लगइले बा घात हो बात बे बात पे गोली दागे, सीमा सिहरे सारी रात हो भारत माँ […]

क्रांतिदूत मंगल पाण्डेय

डॉ. आदित्य कुमार ‘अंशु‘ मंगल पाण्डेय बलि भूमि के नगवा गाँव के लाल रहलन कुछ मनई जनम भूमि पर नवका-नवका विवाद कइलन     इतिहास में जे वीर बा ओकर अमिट कहानी बा सन् सन्तावन के क्रांति के मंगल पाण्डेय बलिदानी बा     अंगरेजन के अत्याचार जब झाँसी में बढ़े लागल, रानी लक्ष्मीबाई से […]

वीर कुंवर सिंह के प्रति

डॉ० रामसेवक ‘विकल’   अंगरेजन के शोषन के बढ़ि गइल पाप के जब आगार तब भारत के भी कण-कण में उमड़ल जोस के पारावार सन् सन्तावन के बदला लेबे खातिर के वीर तैयार, जूझलन ताल ठोकि रन भीतर हो सब घोड़न पर असवार   अस्सी बरिस के बबुआ कुवँर सिंह रहलन बलवान, गरजि सिंह की […]

सोनवा से सुग्घर बाटे ई आपन देस हो 

डॉ. मञ्जरी पाण्डेय  ( एक )   सोनवा से सुग्घर बाटे ई आपन देस हो रुपवा अस चम-चम चमकै ई आपन देस हो   मटिया उगिलै सोना हथवा लगाईं लs सोनवा अस बलिया फरकै छोड़ा परदेस हो   खेती किसानी हवे देसवा के सान हों सहरी बघार छोड़s बदला अब भेस हो   बेद पुरान […]

बैरी चीन की गलवान पे नजरिया 

डा० नीलिमा मिश्रा  (एक) बैरी चीन की गलवान पे नजरिया बैरी चीन की गलवान पे नज़रिया ई हमका बेइमान लागेला । पाकिस्तान की कसमीर  पे नज़रिया ई हमका सैतान लागेला ।।   उबलत बानी खून रगन में  सुनला ई  हुंकार । वीर देस के  सेर सरीखे जिन करिहा तकरार ।। भड़की ज्वाला हमरे सीने में […]