हम का करब कह के?

विष्णुदेव तिवारी हम का करब कह के के मानीं? के कही कि हमरो एगो कहानी बा! राम अस ना त रावणो अस ना कन्हइया अस ना त कंसो अस ना। अजातशत्रु,चन्द्रगुप्त, हर्षवर्द्धन भा पल्लवराज महेन्द्रवर्मन- केहू के छिटिको भर नइखे हमार जिनिगी के सात पुश्त हम जानत बानीं। गाँधी, सुबास, भगत, […]
का कहीं ए हरिचरना के माई

सुरेश कांटक का कहीं ए हरिचरना के माई जिनगी बेहाल भइल होत ना कमाई चारो ओरी ताकतानी केहू ना सहाई कइसे के बाल बाचा जिनगी बचाईं सगरो बाजार बंद कइसे का बेचाई बंद इसकूल बाटे होखे ना पढ़ाई करजो भेटात नइखे आवेला रोआई सँझिया सबेर कइसे चुल्हवा जोराई का कहीं ए हरिचरना के माई […]
अविश्वास मन के सपना के

डॉ. दीप्ति श्रद्धा, शक्ति सम्मान के प्रतीक नारी लांछन, शोषण अपमान के प्रतीक नारी। मूरत बनाके थोप दीं मंदिर में चढाईं फूल, अच्छत् आ गाईं- तू हीं हऊ लछिमी, मेधा, प्रतिभा, बुद्धि, सरस्वती, आदिशक्ति भवानी। मन में जब आ जाये सड़क पर खींच के आंचर आ साड़ी फाड़ दीं- धनका दीं एकरा के काहे […]
दिवंगत भोजपुरी सेवी ( भाग – 11 )

डॉ. ब्रजभूषण मिश्र ” भोजपुरी साहित्य के गौरव ” स्तम्भ में दिवंगत साहित्य सेवियन के संक्षिप्त परिचय के सिलसिला पीछला कई अंकन से जारी बा। अब तक निम्नलिखित 93 गो दिवंगत साहित्यकारन के संक्षिप्त परिचय रउरा पढ़ चुकल बानी। ओह 93 गो साहित्यकार लोगन के लिस्ट पढ़ीं आ फेर आगे बढ़ीं। – संपादक अंक 11 […]
सिनेमा में बारिश, बारिश में सिनेमा

मनोज भावुक भादो चल रहल बा, अबे कुछ दिन पहिले सावन बीतल ह। ई दुनु महीना सबसे ढेर बरखा खातिर जानल जाला। ई महीना किसान के होठे मुस्की लिआवेला, त गोरी के अपना प्रेमी के इयाद में तड़पावेला। कहल जाला कि सावन में बड़ा त्योहार अउरी उत्सव होला त भादो आवते सब बंद हो जाला। […]
जो रे कोरोना तोर माटी लागो..

अतुल कुमार राय बात पिछला साल के ह। पश्चिम टोला के शशांकवा के बियाह मार्च में तय भइल। तब तक ना जाने कहाँ से ई माटीलगना कोरोना आ गइल। पंडित जी लइका-लइकी के बाप से कहनी कि जजमान,ढेर मत सोचीं। लइका-लइकी के देह से जून में एगो साइत बनत बा,कहीं त रख दी ? […]
भोजपुरी बालगीतः खेलवना

डा. स्वर्ण लता भोजपुरी बालगीत विविधता से भरल बा बाकिर भोजपुरी साहित्य के इतिहास में एह विषय पर चरचा खोजलो पर ना मिलेला। लोक साहित्य में बालगीत एकल गीत आ समूह गीत दुनो रूप में मिलेला। मुख्य रूप से बालगीत मनोरंजन के साधन हऽ। भोजपुरी बालगीत में खेल खेलवना, खेलवनिया पर गीत प्रचुर मात्रा में […]
“भोजपुरी पत्रकारिता के विकास-यात्रा”

लेखक: पांडे कपिल पत्र-पत्रिकन में भोजपुरी के प्रवेश के स्थिति तब बनल, जब कि भारतेन्दु मंडली के कुछ भोजपुरी भाषी साहित्यकार भोजपुरी में रचना करे लगले। रामकृष्ण वर्मा ‘बलवीर’, तेगअली ‘तेग’, खड्ग बहादुर मल्ल आ फेर, आगे चलके, दूधनाथ उपाध्याय, रघुवीर नारायण जइसन कवियन के भोजपुरी रचनन के प्रकाशन से लोगन के ध्यान भोजपुरी साहित्य […]
ओलंपिक हॉकी में जुनून के जीत

आर.के. सिन्हा भारत के महिला आ पुरुष हॉकी टीम के टोक्यो ओलंपिक खेल में चमत्कारी प्रदर्शन पर सारा देश गर्व महसूस कर रहल बा I भारत के हॉकी प्रेमी के आँख एतना शानदार प्रदर्शन देखे खातिर तरस गइल रहे। पर तनी देखीं कि पुरुष अउर महिला हॉकी टीम के अधिकतर खेलाड़ी जेकर संबंध देश के […]
प्रेमे ईलाज बा तनाव के

मनुष्य के सबसे बड़ उपलब्धि बा कि ओकरा पास एगो विकसित दिमाग बा लेकिन साथ हीं सबसे बड़ परेशानियो के कारण इहे बा। दिमगवे नू तनाव के घर ह। हाल हीं में भइल सर्वे के अनुसार दुनिया में 86 प्रतिशत लोग तनाव के शिकार बा। अपना देश भारत में त 89 प्रतिशत लोग ‘टेंशन’ में […]