” भोजपुरी साहित्य के गौरव ” स्तम्भ में दिवंगत साहित्य सेवियन के संक्षिप्त परिचय के सिलसिला पीछला कई अंकन से जारी बा। अब तक निम्नलिखित 101 गो दिवंगत साहित्यकारन के संक्षिप्त परिचय रउरा पढ़ चुकल बानी। पिछला अंक त ओही 101 दिवंगत साहित्य सेवियन पर केंद्रित रहे। ओह साहित्यकार लोगन के लिस्ट पढ़ीं आ फेर आगे बढ़ीं। – संपादक
अंक 11 में –
1- महापंडित राहुल सांकृत्यायन
2- दूधनाथ उपाध्याय
3- महिन्दर मिसिर
4- रघुवीर नारायण
5- भिखारी ठाकुर
6- मनोरंजन प्रसाद सिंहभाग
7- महेन्द्र शास्त्री
8- दुर्गा शंकर प्रसाद सिंह ‘ नाथ ‘
9- राम विचार पांडेय
10- डॉ. उदय नारायण तिवारी
11- धरीक्षण मिश्र
अंक 12 में –
12- प्रसिद्ध नारायण सिंह
13- रघुवंश नारायण सिंह
14- राम बचन द्विवेदी ‘ अरविंद ‘
15- डॉ. कमला प्रसाद मिश्र ‘ विप्र ‘
16 -शास्त्री सर्वेन्द्रपति त्रिपाठी
17- हवलदार त्रिपाठी ‘ सहृदय’
18- डॉ. कृष्ण देव उपाध्याय
19- विश्वनाथ प्रसाद ‘ शैदा’
20- पांडेय नर्मदेश्वर सहाय
21- कुलदीप नारायण राय ‘ झड़प’
22- पं. गणेश चौबे
अंक 13 में –
23 – डॉ.स्वामी नाथ सिंह
24- राघव शरण मिश्र ‘ मुँहदूबर ‘
25- जगदीश ओझा ‘ सुन्दर ‘
26- रामनाथ पाठक ‘ प्रणयी ‘
27- मोती बी ए
28- महेश्वराचार्य
29- ईश्वर चंद्र सिन्हा
30- रामनाथ पांडेय
31- राधा मोहन राधेश
32- हरेन्द्रदेव नारायण
33- मास्टर अजीज
अंक 14 में –
34- पांडेय जगन्नाथ प्रसाद सिंह
35- बिसराम
36- भुवनेश्वर प्र. श्रीवास्तव ‘ भानु’
37- बलदेव प्रसाद श्रीवास्तव ‘ ढीबरी लाल’
38- रुद्र काशिकेय / गुरु बनारसी
39- श्याम बिहारी तिवारी ‘ देहाती ‘
40- रामदेव द्विवेदी ‘अलमस्त ‘
41- राहगीर
42- दूधनाथ शर्मा ‘ श्याम ‘
43- दंडी स्वामी विमलानंद ‘ सरस्वती ‘
44- राम बचन लाल श्रीवास्तव
अंक 15 में – ( भोजपुरी जंक्शन – अंक 1 )
45- कुंज बिहारी ‘ कुंजन ‘
46- प्रभुनाथ मिश्र
47- रामजियावन दास ‘ बावला ‘
48- सिपाही सिंह ‘ श्रीमंत ‘
49- डॉ. विवेकी राय
50- भोला नाथ गहमरी
51- अविनाश चंद्र ‘ विद्यार्थी ’
52- प्रो. सतीश्वर सहाय वर्मा ‘ सतीश ‘
53- डॉ. बसंत कुमार
54- अर्जुन सिंह ‘अशांत ‘
55- अनिरुद्ध
अंक 21 में – ( भोजपुरी जंक्शन – अंक 7 )
56- सन्त कुमार वर्मा
57- रमाकांत द्विवेदी ‘रमता
58- डॉ. मुक्तेश्वर तिवारी ‘ बेसुध ‘ उर्फ चतुरी चाचा
59- पद्मश्री रामेश्वर सिंह ‘काश्यप’ उर्फ लोहा सिंह
60- प्राचार्य विश्वनाथ सिंह
61- पद्मभूषण विद्यानिवास मिश्र
62- डॉ. जितराम पाठक
अंक 22 में – ( भोजपुरी जंक्शन – अंक 8 )
63- रमेश चंद्र झा
64- गौरीशंकर मिश्र ‘ मुक्त ‘
65- प्राध्यापक अचल
66- पं. नर्मदेश्वर चतुर्वेदी
67- शारदानंद प्रसाद :
68- उमाकांत वर्मा
69- अक्षयवर दीक्षित
70- पांडेय कपिल
अंक 31 में – ( भोजपुरी जंक्शन – अंक 17 )
71- रामजी सिंह ‘ मुखिया ‘
72- विन्ध्याचल प्रसाद श्रीवास्तव
73- डॉ. अनिल कुमार राय ‘ आंजनेय ‘
74- डॉ. धीरेन्द्र बहादुर ‘ चाँद ‘
75- डॉ. विश्वरंजन
76- नरेन्द्र रस्तोगी ‘ मशरक ‘
77- नरेन्द्र शास्त्री
अंक 32 में – ( भोजपुरी जंक्शन – अंक 18 )
78- डॉ. रसिक बिहारी ओझा ‘ निर्भीक ‘
79- परमेश्वर दूबे शाहाबादी
80- राधा मोहन चौबे ‘ अंजन ‘
81- गणेश दत्त ‘ किरण ‘
82- डॉ. प्रभुनाथ सिंह
83- गिरिजा शंकर राय ‘ गिरिजेश ‘
84- चंद्रशेखर मिश्र
85- पशुपति नाथ सिंह
अंक 41 में – ( भोजपुरी जंक्शन – 27 अंक )
86- रामजी पांडेय अकेला
87- कैलाश गौतम
88- कुबेरनाथ मिश्र ‘ विचित्र ‘
89- प्रो. ब्रजकिशोर
90- जगन्नाथ
91- हरि शंकर वर्मा
92- डॉ० बच्चन पाठक सलिल93- जमादार भाई
अंक 42 में – ( भोजपुरी जंक्शन – 28 अंक )
94- बालेश्वर राम यादव
95- वैद्यनाथ विभाकर
96- बरमेश्वर सिंह
97- रामबृक्ष राय ‘ विधुर ‘
98- रजनीकांत राकेश
99- प्रो. विजयानंद तिवारी
100- डॉ. रामसेवक ‘ विकल ‘
101- डॉ. विजय बलियाटिक
अब आगे पढ़ीं —
102- कृष्णानंद कृष्ण
कृष्णानंद कृष्ण के जनम बिहार के शाहाबाद ( अब भोजपुर ) जिला के सोन के किछार पर 02 जुलाई 1947 ई. के भइल रहे, जबकि निधन 27 अप्रील, 2020 ई. के बंगलुरु में हो गइल। कृष्णानंद जी के माई के नाम राजवती देवी आ पिताजी के नाम लक्ष्मी पाठक रहे। ई मध्यमवर्गीय किसान परिवार रहे। कृष्णानंद जी के लालन पालन माई आ दादी मिल के कइली। शुरुआती पढ़ाई-लिखाई गाँव के प्राइमरी इसकूल में आ हाई इसकूल के पढ़ाई हरवंश उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में भइल। 1962 ई. में फर्स्ट डिविजन से मैट्रिक पास कइला पर जैन कॉलेज, आरा में आई. एस-सी. के पढ़ाई कइलीं। उद्देश्य रहे इंजिनियरिंग करे के। बाकिर संयुक्त परिवार के कचकुच से पढ़ाई बाधित भइल, रिजल्ट बढ़िया ना भइल, इंजिनियरिंग में एडमिशन ना भइल। डिप्लोमा कोर्स में नाम लिखाइल जहाँ से 1967 ई. में डिप्लोमा कइनी। 1969 ई. में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग में नियुक्ति भइल, विभिन्न जगहन पर पदस्थापित रहत 2007 ई. में सेवानिवृत्त भइनी। परिवार में साहित्यिक माहौल ना रहे, तबहुँओ कल्याण पढ़ला आ विश्वनाथ श्रीकृष्ण के छोटहनन लेख आ निबंध बाल पत्रिकन में पढ़ला से एह ओर रुचि बढ़ल। इसकूल लाइब्रेरी में किताबन के कैटलगिंग के सिलसिला में लाइब्रेरियन के सहायता करत में टैगोर, शरतचंद्र, बंकिमचन्द्र आ प्रेमचंद्र के साहित्य पढ़े के सुतार बइठ गइल आ साहित्य के ओर खिंचाव अउर भइल। हिंदी रचना बाल पत्रिका किशोर में छपबो कइल। भोजपुरी लिखे के शुरुआत 1967 ई. में गाँवे में राम बाबू राही के दुआर पर भोजपुरी के प्रसिद्ध कवि राम बचन सिंह यादव ‘अँजोर ‘ के काव्यपाठ सुन के भइल। 1974 ई. में नौकरी में पटना पदस्थापना के बाद अखिल भारतीय भोजपुरी साहित्य सम्मेलन से जुड़ाव भइल आ भोजपुरी लेखन परवान चढ़ल। अपना समय के पत्र पत्रिकन में छपत आ पुस्तकाकार प्रकाशन से भोजपुरी के भंडार भरनी। कृष्णानंद कृष्ण जी के छपल कहानी संग्रह के नाम बा — ‘ एह देश में ‘ ( 1975 ई. ) ; ‘ रावन अबहीं मरल नइखे ‘ ( 1988 ई. ) ; ‘ गाँव बहुते गरम बा ‘ ‘ ( 1996 ई. ) आ ‘ हादसा ‘ (1997 ई. )। इहाँ के लिखल आ सन् 1976 ई. में छपल भोजपुरी के समीक्षात्मक इतिहास – ‘ भोजपुरी कहानी : विकास आ परंपरा ‘ महत्वपूर्ण ग्रंथ बा, जे ओह समय तक के कहानी पर बिचारत बा। ‘ नया सूरज चढ़ल जाता ‘ ‘ (2000 ई. ) उहाँ के गजल संग्रह ह। पत्र साहित्य बा – ‘ चिट्ठी आइल बा ‘ ( 1990 ई.) । कृष्णानंद जी संपादनो कार्य कइनी। ‘ प्रतिनिधि कहानी भोजपुरी के ‘( 1977 ई. ) ; ‘ भोजपुरी कहानी संग्रह ‘ ( 1999 ई. ) ; ‘ समकालीन भोजपुरी कहानियाँ ‘ (1999 ई. ) ; लघुकथा संग्रह – ‘ एक मुट्ठी लाई ‘ ( 1996 ई. ) ; ‘ भोजपुरी के अस्मिता चिंतन ‘ ( 1988ई. ) , ‘ एकइसवीं सदी आ भोजपुरी ‘ ( 1999 ई. ) उहाँ के संपादित पुस्तक ह। ‘ उरेह ‘ ; ‘ भोजपुरी सम्मेलन पत्रिका ‘ आ भोजपुरी कथा कहानी के संपादन से जुड़ल रहलीं। हिंदीयो में पुस्तकन आ पत्रिकन के संपादन कइनी। अखिल भारतीय भोजपुरी साहित्य सम्मेलन के दू सत्र में महामंत्री रहलीं। भोजपुरी आ हिंदी खातिर कई एक सम्मान मिलल। उहाँ के योगदान भोजपुरी खातिर बड़हन बा।
Read More: https://humbhojpuria.com/e-patrika/1-15-january-2/