बैरी चीन की गलवान पे नजरिया

डा० नीलिमा मिश्रा (एक) बैरी चीन की गलवान पे नजरिया बैरी चीन की गलवान पे नज़रिया ई हमका बेइमान लागेला । पाकिस्तान की कसमीर पे नज़रिया ई हमका सैतान लागेला ।। उबलत बानी खून रगन में सुनला ई हुंकार । वीर देस के सेर सरीखे जिन करिहा तकरार ।। भड़की ज्वाला हमरे सीने में […]
बलिया कs गौरवगाथा

शशि कुमार सिंह ‘प्रेमदेव‘ ( हिंदुस्तान के आजाद करवला में बलिया ज़िला क अभूतपूर्व योगदान इतिहास में दर्ज बा। सन् बयालीस के ‘ भारत छोड़ो ‘ आंदोलन का दौरान, जवन तीन गो जनपद कुछ दिन खातिर अंग्रेजी हुकूमत के धकिया के आजाद हो गइल रहलन सs ,ओह में बलिया सबसे आगे रहे। बाद में, बलियाटिकन […]
कारगिल आ अन्तरात्मा

मनोज भावुक ( एक ) ( कारगिल मोर्चा पर विदा करत नई नवेली दुलहिन के अन्तरात्मा ) लवटब त चौठारी होई जाई प्रियतम कर्मक्षेत्र में पौरुष के इजहार करी दुश्मन आइल, सीमा भीतर दुश्मन के संहार करीं। घूंघट में मत झाँकी रउरा झाँकी हमरा हियरा में देखीं, कइसन-कइसन झांकी देश-प्रेम के, जियरा में […]
उजियार करीं जा

डॉ. सविता सौरभ फेरू नया- नया कुछ करे के बिचार करीं जा। ऊ जे आवत बा अन्हरिया उजियार करीं जा।। फाँसी चढ़के सीस कटा के बलि देके आजादी आइल। कतना जतन से कमल खिलल बा मत सेंवार करीं जा।। गान्धी,लाल, पाल,सुभाष,ऊधम,खुदी, भगत,आजाद। बिस्मिल, कुंवर सिंह, सावरकर से गोहार करीं जा।। […]
कहाँ बा आपन हिंदुस्तान

सुभाष चंद्र यादव ( एक ) कहाँ बा आपन हिंदुस्तान, दुलारा-प्यारा हिंदुस्तान। पागल मनवां खोज रहल बा बस आपन पहिचान।। कहाँ बा आपन … जगत गुरु के महिमा सगरो माटी में मिली गइलें, सोन चिरइया रहे कबो सपना के संपति भइलें, बेद पुरान भुलाइल सगरो गीता के उ ज्ञान।। कहाँ बा आपन […]
सांस्कृतिक मूल्यबोध के देश-गीत

डॉ. अशोक द्विवेदी (एक) जहवाँ हेरइलें आके बड़-बड़ ज्ञानी…., उहे देसवा झरे पथरो से पानी; उहे देसवा हवे मोर देसवा ! जोगिया करेलें धन-संपति स्वाहा दुलहा बनेलें जहाँ शिव बउराहा दुलहिन गउरा के हवे रजधानी ! उहे देसवा….झरे पथरो से पानी ! हवे मोर देसवा ! तप करें जहाँ रिसि सत […]
सोने क चिरई

झगड़ू भइया सोने क चिरई भारत हउऐ चिरई भइल लचार देख ला। लगत हौ झुण्ड बहेलियन क कइले हौ खेलवार देख ला।। मूड़े माथे हौ महँगी गठरी सबही भयल लचार देख ला। तेल लगावै से पहिले अब तेल, तेल क धार देख ला।। अब सेर के खोल में गदहा बा मखमल के भाव टाट […]
तब जाके चान चमचमाइल

संगीत सुभाष फँसरी की रसरी प झुलुहा समझि के, जिअते जिनिगिया टंगाइल, ए भइया! तब जाके चान चमचमाइल। बिस्मिल, सुखदेव, भगत सिंह के जवानी। असमय ओराइल, लिखाइल कहानी। गूँजि गइल कन-कन से जयहिन्द के नारा ठाँव-ठाँव खून से रंगाइल। ए भइया!…. काँपि गइल अँगरेजी शासन डेराइल। वीरन के टोली के बाढ़ि देखि आइल। केसरिया फेटा […]
जय भारत माता के बोल !

डॉ. ब्रजभूषण मिश्र छूटल जहँवा राम के बाण गूँजल कान्हा बँसुरी तान धइलें जहँवा शंकर ध्यान पवलें जहँवा गौतम ज्ञान बजवली सरस्वती जहाँ ,आपन वीणा अनमोल । जय भारत माता के बोल ! जहाँ के भाखा भेख अनेक बाकि बाटे भीतर से एक जहाँ के खूबी ह आध्यात्म अउर ह बुद्धि बेवहार विवेक इहँवा के […]
बटोहिया

रघुवीर नारायण सुन्दर सुभूमि भैया भारत के देसवा से, मोरे प्रान बसे हिमखोह रे बटोहिया। एक द्वार घेरे रामा हिम कोतवलवा से, तीन द्वार सिन्धु घहरावे रे बटोहिया। जाउ जाउ भैया रे बटोही हिन्द देखि आउ, जहँवा कुहुँकि कोयल बोले रे बटोहिया। पवन सुगंध गंध अगर गगनवा से, कामिनी विरह राग गावे रे बटोहिया। […]