भोजपुरी दुनिया के अमूल्य धरोहर बा ई अंक

राउर पाती भोजपुरी जगत के 27 गो साहित्यकार के जवन जीवनी भोजपुरी जंक्शन के अंक में प्रकाशित भइल बा, ऊ भोजपुरी दुनिया के अनमोल धरोहर बा। सदियन तक ई अंक भोजपुरी दुनिया के गरिमा के गौरव बढ़ावत रही आ नया पीढ़ी के स्वाभिमान के भी आधार बनत रही। एह अंक के रचनाकार सभे के लेखनी […]

राउर पाती

सामग्री संकलनीय बा ‘भोजपुरी जंक्शन’ पत्रिका बहुत अच्छा निकल रहल बिआ। आरोही जी पर संस्मरण बहुत विस्तृत आ सटीक लागल। भोजपुरी साहित्यकारन के बारे में लिखल सामग्री संकलनीय बा। संपादक दल के बहुत-बहुत बधाई । अंकुश्री, पटना सकारात्मक संपादन आ समाज-उन्मुख पत्रकारिता के ई निकहा उदाहरन बा एह संपादकीय के कथ्य समस्या गिनावत खलसा हाहाकारी […]

राउर सनेस

संपादकीय के लास्ट वाला शेरवा त करेजा में घुस गइल। दु तीन बेर पढनी ह, संपादकीय, बाकिर मन ना भरल ह।बहुते नीक लागल। विनोद कुमार सिंह, कोलकाता सत्कार्य खातिर हृदय से धन्यवाद। डॉ. महामाया प्रसाद विनोद, पटना बहुत सुंदर आ सार्थक पहल। डॉ. रंजन विकास, पटना थाती अंक भइल ई। बढिया काम भइल। बधाई। सौरभ […]

राउर पाती

संस्मरण अंक लाजवाब आ संग्रहणीय बाटे संस्मरण अंक के सरसरी निगाह से तs हम ओहि दिन देख लिहलीं जवना दिने ऊ हमरा हाथे लागल रहे बाकिर पूरा पढ़े  कs फुर्सत तनी देर से मिलल। ईयाद नइखे परत कि ‘भोजपुरी जंक्शन’ कs अबले कवनो अइसन अंक आँखि का सोझा से गुजरल होखे, जवना के कलेवर के […]

राउर पाती

भोजपुरी जंक्शन के हरेक अंक संग्रहणीय आ संदर्भ सामग्री बा भोजपुरी जंक्शन के जेतना भी अंक अब तक आइल बा, भोजपुरी भासा के उत्थान में बड़ी असरकारक उत्प्रेरक के काम कइले बा। एक-एक अंक संग्रहणीय आ संदर्भ सामग्री बा। भोजपुरी के कौनो विधा होखे, शोध-परक लेख, कहानी, संस्मरण भा गीत-कविता, सबका के अपना में समेटले […]

राउर पाती

गजब के अंक बा जी ! कमहीं में ढेर, तनिके में भरपूर गजब के अंक बा जी ! कमहीं में ढेर। तनिके में भरपूर। अबगे डाउनलोड कइनीं हँ। सबले पहिले नजर परल हा सम्पादकीय प। जवना के कथ्य के मूल एह पंक्तियन में बा। ’’प्रेमे इलाज बा नफरत के। प्रेमे इलाज बा तनाव के। दिमाग […]

राउर पाती

गजब के अंक भइल बा इहो.. नजरे नजर में सउँसे पत्रिका हहुआत देख गइनीं। ‘भारतीय स्वाभिमान के प्रतीक से भी कष्ट’ सभके पढ़े जोग आलेख भइल बा। फेर, डॉ० अनिल कुमार प्रसाद, डॉ० सुनील कुमार पाठक, डॉ० ब्रजभूषण मिश्र के आलेखन प नजर गइल, जवन विश्व साहित्य से लेले हिन्दी-भोजपुरी साहित्य में माई-बाबूजी के पात्र […]

राउर पाती

संपादकन खातिर मिसाल पेश कइले बानीं सचहूं एगो यादगार अंक निकालिके रउआ भोजपुरी पत्रिकन के संपादकन खातिर मिसाल पेश कइले बानीं। अबहीं काल्हे मोतियाबिंद के आपरेशन करवले बानी,एसे पढ़ल-लिखल अबहीं बंद बा। भगवती प्रसाद द्विवेदी, वरिष्ठ साहित्यकार, पटना   भोजपुरिये में ना; हिन्दियो में माई-बाबूजी पs ई पहिलका अंक बा ‘भोजपुरी-जंक्शन’ के नयका अंक पढ़नी। […]

राउर पाती

आचार्य महेन्द्र शास्त्री संपादित पहिलका भोजपुरी पत्रिका ‘भोजपुरी‘ के याद दियावत बा ई अंक     भावुक जी, कोरोना के त्रासद काल में अपनहीं कोरोना से जुझार करके उबरते रउरा ‘ भोजपुरी जंक्शन ‘ के 01 मई से 15 मई वाला अंक निकालिये देहनी। ई रउरा संकल्प आ निष्ठा के परिचय देत बा। ई अंक देख […]

राउर पाती

भोजपुरी जंक्शन पत्रिका साहित्य नभ के ऊंचाई के छू रहल बा सम्पादक महोदय, भोजपुरी जंक्शन के देखलीं आ पढ़लीं बहुते प्रसन्नता भ‌इल। स्तरीय रचनन के एगो अनुपम जंक्शन के रूप में ई अंक बाटे। रचनन आ सम्पादन के दृष्टि से ई पत्रिका साहित्य नभ के ऊंचाई के छू रहल बा। कवर फोटो अपने आप में […]