दिवंगत भोजपुरी सेवी ( भाग –12 )

” भोजपुरी साहित्य के गौरव ” स्तम्भ में दिवंगत साहित्य सेवियन के संक्षिप्त परिचय के सिलसिला पीछला कई अंकन से जारी बा। अब तक निम्नलिखित 101 गो दिवंगत साहित्यकारन के संक्षिप्त परिचय रउरा पढ़ चुकल बानी। पिछला अंक त ओही 101 दिवंगत साहित्य सेवियन पर केंद्रित रहे। ओह साहित्यकार लोगन के लिस्ट पढ़ीं आ फेर […]

बड़का माट्साब

डाॅ0 प्रेमशीला शुक्ल बिना दूसरा के सामिल कइले केहू की जिनिगी के बात पूरा ना होला। बाकी अइसन  ‘दूसरा आदमी’ पचीस-पचास ना होलें, गिनल-चुनल होलें। अइसन कुछ लोग हमरो जिनिगी में आइल बाड़न, जेकर चर्चा कइले बिना हमार बात, हमरी जिनिगी के बात पूरा ना हो सकेला। अइसने लोगन में एक आदमी हवें-श्याम नारायण मिश्र। […]

चौधरी कन्हैया प्रसाद सिंह ”आरोही ” व्यक्तित्व अउर कृतित्व

डॉं0 स्वर्ण लता भोजपुरी के वर्चस्व कवि आ सिद्ध-साहित्य साधक ‘आरोही जी के सारस्वत साधना अपूर्व आ अनुकरनिय रहे। विलक्षण मेघा आ कलम के धनी महाकवि चौधरी कन्हैया प्रसाद सिंह के जन्म विद्यालय प्रमाण-पत्र के अनुसार 02.01.1941 ई0 आ जबकि वास्तविक जन्मकुण्डली के आधार पर माघ अष्टमी कृष्ण पक्ष 1994 वि0स0 तदनुसार 23 जनवरी 1938 […]

भोजपुरी के वर्ड्सवर्थ आ पन्त: कविवर अनिरुद्ध

निरंजन प्रसाद श्रीवास्तव         बात सन्‍ १९५५ के हs जब हम आठवाँ क्लास में पढ़त रहनी। महीना कवन रहे ई इयाद नइखे। लेकिन ई इयाद पड़sता कि जाड़ा के दिन रहे। बोर्ड मिडिल स्कूल, मशरक का प्रांगण में मशरक के स्कूल सब-इंस्पेक्टर स्व० सिपाही सिंह पागल (ओ घड़ी उ आपन उपनाम ‘पागल’ लिखस) का सौजन्य से […]

कुंज बिहारी कुंजन: भोजपुरी के जे निहाल कर देलस देह गलाके!

भगवती प्रसाद द्विवेदी  करीब-करीब पनरह-सोरह बरिस भइल होई, तीन-चार बेर साहित्यिक जलसन में रोहतास (बिहार) के नायाब शहर नोखा के जातरा करेके मोका मिलल रहे। उहे नोखा, जवन कबो गढ़ नोखा का नांव से जानल-पहिचानल जात रहे। आजु भलहीं पहाड़ियन के बेरहम मशीनन से भुरकुस कऽके पथल के रोजगार आ चाउर मिलन के भरमार ओह […]

भोजपुरी के भाषिक अस्मिता के उद्घोषक डॉ. उदय नारायण तिवारी

पांडेय कपिल आचार्य पांडेय कपिल हमार साहित्यिक गुरु रहल बानी। पटना प्रवास के दौरान ( 1996 -2000 ) उहाँ से निकटता बढ़ते चल गइल। पटना छोड़ला के बाद उहाँ के हमार अभिभावक के भूमिका में भी रहीं। 2005 में हमरा शादी में उहाँ का सपरिवार रेणुकूट आइल रहीं। 2 नवंबर 2017 के उहाँ के निधन […]

सरलता, सहजता के जीवन्त मूर्तिः कपिल जी

मार्कण्डेय शारदेय पाण्डेय कपिल जी के आगे पुण्यश्लोक जोड़त गजिबे लागत बा। बाकिर दिव्यलोकी होखला से उहाँ का आपन यशःशरीरे से नु एहिजा बानीं! भर्तृहरि जी कहलहूँ बानी- जयन्ति ते सुकृतिनो रससिद्धाःकवीश्वराः। नास्ति तेषां यशःकाये जरा-मरणजं भयम्।। अर्थात्  रस में पगाइल  ओह कवियन के जय होखे, जेकर यश रूपी शरीर बुढ़ापा आ मृत्यु से दूर रहेला। […]

स्मृतिशेष अम्मा-बाबूजी

गरिमा बंधु आपन जन्मदाता, अम्मा बाबूजी पर कुछ लिखल हमरा बस में नइखे। जे हमरा के जनम देहल आ पाल पोस के जिनीगी संवार देहल ओकरा के हम शब्दन में का बांधेव। मतारी-बाप आ वड़ बुजुर्ग त भगवान के प्रतिनिधि हउए। काहे कि, भगवान खुद उतर के ना त हमरा के आशीष दिहें ना प्यार […]

बुढ़िया माई

लेखक: जयशंकर प्रसाद द्विवेदी १९७९ – १९८० के साल रहल होई , जब बुढ़िया माई आपन भरल पुरल परिवार छोड़ के सरग सिधार गइनी । एगो लमहर इयादन के फेहरिस्त अपने पीछे छोड़ गइनी , जवना के अगर केहु कबों पलटे लागी त ओही मे भुला जाई । साचों मे बुढ़िया माई सनेह, तियाग आउर […]

छोट सा शहर हमार रामनगर

लेखक: अजय कुमार पाण्डेय बिहार के पश्चिमोत्तर, नेपाल-उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिला चंपारण के एगो भौगोलिक, ऐतिहासिक आ सांस्कृतिक दृष्टि से मशहूर आ महत्वपूर्ण शहर । उत्तरे-दखिने लमा-लामी बसल हमनी के शहर में एगो रेलवे स्टेशन जेकर नाम हरीनगर रहे, एगो हाई-स्कूल, एगो संस्कृत हाई स्कूल, दु गो मिडिल स्कूल आ तीन-चार गो प्राइमरी स्कूल रल स। […]